फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की एकदाशी को विजया एकादशी कहते हैं। अपने नाम के अनुसार विजया एकादशी विजय दिलाने वाली है। ऐसी कथा है कि जब भगवान राम समुद्र तट पर लंका पार करने की योजना बना रहे थे। उस समय वकदाल्भ्य ऋषि ने भगवान राम के विजया एकादशी करने की सलाह दी थी। इस व्रत को ऋषि के बताए विधान के अनुसार भगवान राम ने पूरा किया। इसके बाद समुद्र पार जाने की योजना सफल हुई और वह रावण पर भी विजय प्राप्त कर पाए।
इस साल विजय दिलाने वाली विजया एकादशी कब है, इसकी तारीख को लेकर थोड़ी उलझन वाली स्थिति है। दरअसल एकादशी तिथि दो दिन लग रही है। 26 फरवरी को दिन में 10 बजकर 40 मिनट से एकादशी तिथि शुरू होगी और 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 13 मिनट पर ही एकादशी समाप्त हो जाएगी।
ऐसे में दोनों ही दिन एकादशी का व्रत किया जा सकेगा लेकिन 26 तारीख को स्मार्तों के लिए विजया एकादशी रहेगी। वैष्णवों के लिए एकादशी 27 फरवरी को रहेगी।
एकादशी व्रत को लेकर सामान्य नियम यह है कि जिस दिन सूर्योदय के समय एकादशी तिथि होती है उसी दिन सामान्य जन एकादशी का व्रत रखते हैं। इस नियम के अनुसार 27 फरवरी को एकादशी का व्रत सभी लोग रख सकते हैं। एकादशी का पारण 28 तारीख को सूर्योदय से 2 घंटे अन्तराल में कर लेना उत्तम रहेगा।
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पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
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