नयी दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने ऐलान किया है कि वह धर्मांतरण के खिलाफ 20 दिसंबर से 31 दिसंबर तक संपूर्ण देश में व्यापक रूप से धर्म रक्षा अभियान चलाएगी। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए राज्य व केंद्र सरकारें अवैध धर्मांतरण के रोकने हेतु कठोर कानून बनाए ताकि लालच, भय या धोखे से धर्मांतरण करवाने वालों पर कठोर दण्ड की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा,“23 दिसंबर को हम पहले से ही ‘धर्म रक्षा दिवस’ के रूप में मनाते आए हैं।
इस बार इस अभियान के अंतर्गत धर्मांतरण की साजिशों को उजागर करने के लिए साहित्य का वितरण, जन-सभाओं, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जन-जागरण किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना की भीषण आपदा के समय जब संपूर्ण देश कोरोना से जूझ रहा था और अधिकांश सामाजिक-धार्मिक संगठन सेवा कार्यों में लगे थे तब मौलवी और पादरी आक्रामक रूप से धर्मांतरण के कार्य कर रहे थे।कुमार ने कहा कि लव जिहाद से हिन्दू महिलाओं की प्रताड़ना व हत्या के सुनियोजित षड्यंत्रों के समाचार देश के किसी न किसी क्षेत्र से प्रतिदिन आ रहे हैं।
अवैध धर्मांतरण के कारण भारत विभाजन, करोड़ों हिंदुओं के नरसंहार, आतंकवाद व दंगों की पीड़ा को झेल चुका हिंदू समाज अब इस नए परिदृश्य को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं कर सकता। विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा,“ संविधान में अनुसूचित जातियों के विकास के लिए कुछ सुविधाओं के प्रावधान किए गए जो धर्म बदले जाने के बाद स्वाभाविक रूप से समाप्त हो जाते हैं परंतु अनुसूचित जनजातियों के द्वारा धर्मांतरण करने के बाद उनके विशेषाधिकार कायम रहते हैं। अनुसूचित जनजातियों के जिन व्यक्तियों ने धर्मांतरण किया है वह अपने पूर्वजों की परम्परा, श्रद्धा और पूजा पद्धति से अलग हो जाते है।
उनको जनजातियों को मिल रहे लाभों से वंचित करने के लिए भी आवश्यक संविधान संशोधन अतिशीघ्र करना चाहिए। घर वापस आने वालों का हमें खुले हृदय से स्वागत करना चाहिए और रोटी बेटी के सहज संबंध स्थापित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिन्दू समाज के उत्पीड़न के विरोध में व्यापक वैश्विक जनमत बनाने की आवश्यकता है।
श्री कुमार ने कहा,“वर्ष में एक बार भारत के सभी सांसदों से मिलकर राष्ट्रीयता और हिंदुत्व से जुड़े विषयों पर चर्चा का प्रयत्न करती है।
इस अभियान के तहत अब तक 327 सांसदों से भेंट हुई है। इनमे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड, शिवसेना, नेशनल कांफ्रेंस, तृणमूल कांग्रेस, मार्क्सवादी कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी के सांसद शामिल हैं। इन सांसदों से विहीप ने धर्मांतरण रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने में सहयोग करने की मांग की है।”