नयी दिल्ली। बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट करके एक बार फिर सांसदों और विधायकों से पेंशन छोड़ने की अपील की है। वरुण गांधी ने ट्वीट किया है, “भारत की महान जनता ने कभी स्वच्छता के लिए टैक्स दिया, तो कभी ज़रूरतमंदों को गैस मिले इसलिए अपनी सब्सिडी छोड़ी। इस त्याग भाव से प्रेरणा लेकर क्या हम सभी देशभक्त सांसद अपनी पेंशन का त्याग कर सरकार का ‘बोझ’ कम नही कर सकते? अग्निवीरों को पेंशन की राह आसान नहीं कर सकते?” हालाँकि यह पहला मौक़ा नहीं, जब वरुण गांधी ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती लेने वाले अग्निवीरों के लिए पेंशन की मांग की है।
इससे पहले भी वो ट्वीट करके अग्निवीरों के लिए पेंशन की मांग कर चुके हैं। उन्होंने ट्वीट किया था, “अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नही हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह ‘सहूलियत’ क्यों? राष्ट्ररक्षकों को पेन्शन का अधिकार नही है तो मैं भी ख़ुद की पेंशन छोड़ने को तैयार हूँ। क्या हम विधायक/सांसद अपनी पेंशन छोड़ यह नही सुनिश्चित कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?”
क्या है अग्निपथ योजना : अग्निपथ योजना भारतीय सेना के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना में जवान, एयरमैन और नाविक के पदों पर भर्ती के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से लाई गई एक नई योजना है। एक बार भर्ती हो जाने के बाद उन्हें अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा और उनका कार्यकाल चार सालों का होगा। अब से इन पदों पर भर्ती के लिए चलने वाली दूसरी अन्य भर्ती योजनाएँ ख़त्म हो जाएँगी।
अगर आप 17.5 साल से 21 साल की उम्र के बीच के हैं, तो आप इस योजना के तहत भर्ती होने के लिए आवेदन दे सकते हैं। कोरोना काल में भर्ती प्रक्रिया के रुके रहने के चलते, अपवाद के तौर पर, केवल इस साल उम्र की अधिकतम सीमा में दो सालों की छूट दी गई है। इसका मतलब यह हुआ कि इस साल 23 साल तक की उम्र वाला कोई भी युवा भर्ती की इस प्रक्रिया के लिए आवेदन कर सकता है।