Uttarakhand Tunnel

उत्तराखंड टनल : मुन्ना कुरैशी की बहादुरी और गब्बर सिंह की हौसला अफजाई की कहानी…

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को मंगलवार को सकुशल सुरंग से बाहर निकाल लिया गया। इस मजदूरों को निकलने के मुन्ना कुरैशी की बहादुरी और गब्बर सिंह की हौसला अफजाई बहुत काम आई। रैटहोल माइनर मुन्ना कुरैशी की बहादुरी और गब्बर सिंह नेगी की जिंदादिली ने उत्तराखंड के सिक्यालारा टनल में फंसे मजदूरों की जान बचाने में अहम रोल अदा किया। मुन्ना कुरैशी खुदाई कर मजदूरों तक पहुंचने वाले सबसे पहले शख्स हैं।

गब्बर सिंह मजदूरों के साथी अंदर फंसे थे जो लगातार मजदूरों का हौंसला बढ़ा रहे थे। वे खुद सबसे आखिरी में बाहर आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गब्बर सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि कभी कोई यूनिवर्सिटी उन पर केस स्टडी तैयार करेगी कि गांव के व्यक्ति में कौन सी क्वालिटी है कि संकट के समय उन्होंने अपनी पूरी टीम को संभाला।

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मोदी ने सभी श्रमिकों के हौसले की तारीफ की और रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान इनके परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए सहयोग और दिखाए गए संयम की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “आप लोगों के व्यवहार से आने वाले दिनों में पूरे देश के लोगों को प्रेरणा मिलेगी कि संकट के समय कैसा व्यवहार करना चाहिए।

आपको बता दें कि, 12 नवंबर की सुबह से 41 मजदूर सिलक्यारा की टनल में फंसे हैं। इनमें सबसे ज्यादा श्रमिक झारखंड के 15 हैं। उत्तर प्रदेश के 8 मजदूर सुरंग में फंसे हैं। ओडिशा के पांच और बिहार के चार श्रमिक टनल में हैं। पश्चिम बंगाल के 3 और असम के 3 लोग टनल में फंसे हैं। उत्तराखंड के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर भी पिछले 12 दिन से सिलक्यारा की टनल में फंसे हुए हैं।

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