नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं के बारे में निवेशकों के आश्वस्त रहने के संकेत के साथ भारत में अप्रैल 2021 में कुल 6.24 अरब डॉलर एफडीआई आया है। यह अप्रैल 2020 में 4.53 अरब डॉलर की तुलना में 38 प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि पिछले साल के निचले आधार ने इस साल एफडीआई वृद्धि को बढ़ाने में मदद की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2021 में 4.44 अरब डॉलर इक्विटी के जरिए एफडीआई आया है। जो कि अप्रैल 2020 (2.77 अरब डॉलर) की तुलना में 60 फीसदी ज्यादा है।
अप्रैल 2021 के दौरान मॉरिशस से सबसे ज्यादा एफडीआई है, जिसकी कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 24 प्रतिशत उसके बाद सिंगापुर की 21 फीसदी और जापान की 11 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
अप्रैल 2021 में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हॉर्डवेयर सेक्टर में सबसे ज्यादा एफडीआई आया है। जिसकी कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि उसके बाद सेवा क्षेत्र की 23 प्रतिशत और शिक्षा क्षेत्र की 8 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
वहीं अप्रैल 2021 में कर्नाटक में सबसे ज्यादा एफडीआई आया है, जिसकी कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 31 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उसके बाद महाराष्ट्र की 19 प्रतिशत, दिल्ली की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की दिशा में सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधारों, निवेश की सुविधा और व्यापार करने में आसानी के उपायों के परिणामस्वरूप देश में एफडीआई प्रवाह में बढ़ोतरी हुई है। भारत में आए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के निम्नलिखित रुझान साबित करते हैं कि भारत निवेश के लिए वैश्विक निवेशकों का पसंदीदा क्षेत्र है।