यूपी : राज्य महिला आयोग का बैड टच व अपराधों से बचाव के लिए कई बिंदुओं पर अमल करने का प्रस्ताव

महिलाओं के कपड़े को नापने, जिम ट्रेनर, अंडर गारमेंट सेल्समैन, ब्यूटी पार्लर कार्यों पर पुरुषों की पाबंदी का प्रस्ताव- अब महिलाओं की नियुक्ति करना होगा
सभी राज्यों को महिलाओं, बच्चों से बैड टच के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए हर क्षेत्र में संज्ञान लेकर कानून व दिशा निर्देश बनाना समय की मांग- अधिवक्ता के.एस. सनमुखदास भावनानी

अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। भारत वैश्विक रूप से अकेला ऐसा देश है जिसमें नारी सम्मान को आध्यात्मिक, नैतिक, सामाजिक, शासकीय, प्रशासकीय स्तर पर अति महत्व दिया जाता है। यहां नारी को नारायणी, मां दुर्गे, मां काली, मां जगदंबे स्तर पर पौराणिक कथाओं में सम्मान प्राप्त है। ऐसा है हमारा भारत देश, साथियों हालाकि हमारे देश में नारियों को अनेक विशेषाधिकार प्राप्त है, परंतु फिर भी हम देखते हैं कि नारी अत्याचार, प्रताड़ना, जुल्मों का वजन घटने की अपेक्षा समय-समय पर बढ़ने का आभास महसूस होता है। इसलिए समय आ गया है कि जहां बच्चों को स्नेह भरा व गंदी भावना के स्पर्श के बीच अंतर पहचानें के लिए जागरूक करें, व महिलाओं को बैड टच करने वाले रास्तों को बंद करें ताकि यह संदेश उन तथाकथित अपराधियों व बुरी मानसिकता वालों के पास भी पहुंचे कि कुछ भी घटना करेंगे तो गले पड़ जाएगी।

यूपी महिला आयोग ने प्रस्‍ताव रखा है, सिर्फ महिलाएं ही लें औरतों के कपड़ों के नाप, जिम और योग केंद्रों में हो महिला प्रशिक्षक। दरअसल कानपुर में एक जिम जाने वाली महिला की हत्या के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा और यूपी महिला आयोग ने 28 अक्टूबर 2024 को एक प्रस्ताव पारित कर प्रशासनिक स्तर पर भेजा है। चूँकि सभी राज्य सरकारों ने महिलाओं व बच्चों को बैड टच के बढ़ते मामलों को रोकने हर क्षेत्र में संज्ञान लेकर कानून नियम व दिशा निर्देश बनाना समय की मांग है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे यूपी राज्य महिला आयोग का बैड टच व अपराधों से बचाव के लिए कई बिंदुओं पर अमल करने का प्रस्ताव।

साथियों बात अगर हम यूपी महिला आयोग द्वारा राज्य में एक प्रस्ताव पारित कर प्रशासन को अमल करने के लिए भेजने की करें तो, यूपी राज्य महिला आयोग ने महिलाओं को बैड टच से बचाने और पुरुषों के महिलाओं के प्रति गलत इरादों को रोकने के लिए एक प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत अब राज्य में पुरुष टेलर महिलाओं के कपड़ों की माप नहीं ले सकेंगे। आयोग का मानना है कि इस तरह के पेशे में शामिल पुरुषों की वजह से महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। जिम, बुटीक और दुकानों पर बैड टच के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बुटीक और जिम में महिला होनी ही चाहिए, इससे महिलाओं को राहत मिलेगी।

आयोग का सीधा सपाट कहना है कि महिलाओं के कपड़ों की माप के लिए अब पुरुष टेलर नहीं चलेगा, कम से कम यूपी में महिलाओं के कपड़ों की माप केवल महिला टेलर ही लेंगी। यही नहीं महिला आयोग ने अब टेलर की दुकान पर सीसीटीवी अनिवार्य कर दिया है। मतलब यूपी में कोई टेलर अब तभी महिलाओं के कपड़े सी सकेगा। जब उसकी दुकान पर माप लेने वाली कोई महिला होगी। इस फैसले को सब अपने-अपने चश्मे से देख रहे हैं, लेकिन महिला आयोग का कहना है कि महिला सुरक्षा के लिए ये फैसला अहम है।

साथियों बात अगर हम 28 अक्टूबर 2024 को राज्य महिला आयोग के प्रस्ताव की करें तो आयोग ने कई बिंदुओं को लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजा है जो कि महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार से जुड़ा हुआ है। मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि आजकल ब्यूटी पार्लर में भी पुरुष महिलाओं का मेकअप और कपड़े पहनाते हैं जो कि गलत है उन्होंने कहा कि जहां पर भी महिलाओं संबंधित अंडर गारमेंट मिलते हैं वहां भी महिला कर्मचारी होनी चाहिए, कुल मिलाकर जहां भी महिलाओं के काम को पुरुष करते हैं वहां महिला सहकर्मी होनी चाहिए। स्कूलों की गाड़ियों में भी अब महिला कर्मचारी रखने को कहा कि प्रदेश में बहुत सारे मामले बैड टच को लेकर आते हैं, जिम में उनका वीडियो बनाकर ब्लैक मेल किया जाता है।

उन्होंने कहा कि महिलाएं ना चाहते हुए भी मजबूरी में मेकअप, कपड़ों की नाप और अंडर गारमेंट्स पुरुषों से लेती हैं और कभी-कभी बैड टच का शिकार होती हैं। वे कहती हैं कि कई बार स्कूलों की गाड़ियों में भी पुरुष ड्राइवर और सहकर्मी होते हैं और बच्चियों के साथ घटनाएं होती हैं इन सबसे बचने के लिए महिला सहकर्मी का होना जरूरी है। प्रस्ताव के मंजूर होने के बाद सभी को पुलिस वेरिफिकेशन कराना आवश्यक है, जांच के बाद उनको क्लीन चिट दी जाएगी, उन्होंने कहा कि यदि कोई भी इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी अपने कार्य क्षेत्र में लगाने होने।

उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के अमल में आने के बाद महिलाओं को भी रोजगार मिलेगा साथ ही वो भी अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेंगी। प्रस्ताव के तहत उनका ये मकसद नहीं है कि पुरुष अपना काम छोड़ दें या अपने कर्मचारियों को निकाल दें, उनका मकसद है कि महिलाओं को सुरक्षा और अपराध से निजात मिले। उन्होंने कहा कि यदि कोई महिला पुरुष दर्जी से नाप या ब्यूटी पार्लर में पुरुष कर्मी से मेकअप या कपड़े पहनना चाहती हैं तो उसको इसके पहले लिख कर देना होगा, इसी प्रकार जिम योगा सेंटर से लेकर जहां भी महिलाओं संबंधित काम हो रहे हैं वहां भी लिखित में देना होगा।

साथियों बात अगर हम 28 अक्टूबर 2024 को हुई राज्य महिला आयोग की सभा की करें तो बैठक में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के संरक्षण से जुड़े कई निर्णय लिए गए महिला आयोग के प्रस्ताव में कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि हर चीज का हमेशा दूसरा पक्ष भी होता है। महिला आयोग के एक सदस्य ने कहा कि, मैं कह रही हूं कि मैं विकल्प प्रदान करने के पक्ष में हूं और यह महिलाओं पर छोड़ती हूं कि वे पुरुषों के साथ अधिक सहज हैं या महिलाओं के साथ। उन्होंने कहा कि मुद्दा यह है कि जो महिलाएं बैड टच की शिकायत करती हैं और उनके पास विकल्प होना चाहिए। क्या उनके प्रस्तावों को पूरे राज्य में कहीं भी लागू किया गया है तो कहा, हम यह पता लगाने की प्रक्रिया में हैं कि क्या हमारे प्रस्ताव सभी जिलाधिकारी तक पहुंचे हैं। हमने अपने प्रस्ताव मुख्य सचिव को भी भेजे हैं और सरकार ही है जो प्रस्तावों को लागू करेगी।

साथियों बात अगर हम कुछ वर्गों द्वारा इस प्रस्ताव की आलोचना व तारीफ करने की करें तो, कुछ ने कहा, हमें नहीं लगता कि यह न्याय संगत निर्णय है क्योंकि यह हर किसी की व्यक्तिगत पसंद है कि वह पुरुष कर्मी से अपना कार्य करवाना चाहता है या महिला कर्मी से, दर्जी की दुकानों और महिलाओं के कपड़ों की दुकानों में महिलाओं की मौजूदगी अनिवार्य किए जाने के प्रस्ताव से कोई परेशानी नहीं है। लेकिन आखिर इससे व्यक्तिगत पसंदगी की अवहेलना हो रही है। इससे ज्यादा मूर्खतापूर्ण विचार नहीं हो सकता, क्योंकि जो आवश्यक है वह यह है कि लोगों के मन में यह मनोविज्ञान पैदा किया जाए कि हम अलग-अलग इंसान नहीं है। यह सही सोच नहीं है और यह उन लोगों द्वारा किया जा रहा है, जिनकी सोच संकीर्ण है। ऐसा करने से सैकड़ों लोगों का रोजगार जाने का खतरा है।

उन्होंने कहा, आमतौर पर देखा जाता है कि महिलाएं खुद ही दर्जी को अपना नाप देती हैं। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। अगर महिला आयोग कुछ करना चाहता है, तो महिलाओं के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं को रोके। वे इस बारे में कुछ नहीं कर पा रहे हैं और छोटी-छोटी बातों पर इस तरह की बातें कर रहे हैं।वहीं कुछ ने महिला आयोग के प्रस्ताव का समर्थन किया है। उनका कहना है कि यह सही है कि कपड़े सिलवाने के लिए नाप देते वक्त पुरुष दर्जियों द्वारा महिलाओं से छेड़छाड़ किए जाने की अनेक शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे में आयोग के प्रस्ताव पर आधारित कानून बनाया जाना चाहिए। प्रस्ताव पर कानून बनाया जाना चाहिए। प्रस्ताव का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है कि नाप कौन ले रहा है लेकिन अगर महिला ग्राहक कहती है तो हमारे पास उसका नाप लेने के लिए महिलाकर्मी होनी चाहिए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि महिलाओं के लिए दर्जी नापने, जिम ट्रेनर, अंडर गारमेंट, सेल्समैन, ब्यूटी पार्लर कार्यों पर पुरुषों की पाबंदी का प्रस्ताव- महिलाओं की नियुक्ति करना होगा। राज्य महिला आयोग का बैड टच व अपराधों से बचाव के लिए कई बिंदुओं पर अमल करने का प्रस्ताव। सभी राज्यों को महिलाओं, बच्चों से बैड टच के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए हर क्षेत्र में संज्ञान लेकर कानून व दिशा निर्देश बनाना समय की मांग है।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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