इटावा। समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव की विरासत अब उनकी बहू डिंपल यादव संभालेंगी। डिंपल ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार को 288461 वोटों से हरा दिया है। मैनपुरी लोकसभा सीट मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई है। मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र सपा का गढ़ माना जाता है। सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को कुल 617625 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा उम्मीदवार रघुराज सिंह को 329489 वोट हासिल हुए और इस तरह से डिंपल यादव ने भाजपा प्रत्याशी को 288136 वोटों से शिकस्त दे दी।
डिंपल की जीत के बाद शिवपाल ने अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का विलय सपा में कर लिया। खुद अखिलेश ने चाचा शिवपाल को सपा का झंडा भेंट किया । शिवपाल की गाड़ी पर उनके भतीजे अभिषेक यादव ने सपा का झंडा लाया। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अब हर हाल में अखिलेश यादव के साथ रहेंगे ओर समाजवादी पार्टी के लिए काम करेंगे। चाहे 2024 का लोकसभा चुनाव हो। यहां पर आने वाले दिनों में निकाय चुनाव हर हाल में अखिलेश यादव को ताकत देने का काम करेगे।
सपा संस्थापक नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के निधन के बाद गमगीन रही सैफई में इस बार दीपावली तक बगैर पटाखों के गुजरी थी लेकिन इस बार नेताजी की विरासत संभालने वाली बहु डिंपल यादव के मैनपुरी का चुनाव जीतने को लेकर जो नया रिकार्ड बना उसे लेकर लोगों की खुशियां बाहर आ गई। सुबह से ही यहां बाहर से आने वाले नेताओं की गाड़ियों की धमाचौकड़ी बनी रही तो अखिलेश यादव के आवास पर भी गहमागहमी का आलम बना हुआ था।
एक दूसरे को मिठाई खिलाने के अलावा समर्थक जमकर पटाखे फोड़ने में जुटे हुये थे। दिन भर दुकानों से मिठाइयों की खरीद और उनके वितरण के दौर के बीच पटाखों की तेज आवाजें सुनाई दे रही थी। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के की मतगणना के दौरान आये बाहर के मीडिया कर्मी भी सैफई आने लगे थे और वे वहां की गतिविधियों को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे।
गुरुवार को जैसे ही सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के जीत के रुझान आगे बढ़ने लगे वैसे ही प्रदेश भर से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री मनोज पांडेय, अतुल प्रधान विधायक सहित दर्जनों नेता सैफई स्थित आवास पर पहुंचना शुरू हो गए थे। हालांकि सैफई में उस समय सपा मुखिया के परिवार से कोई सदस्य मौजूद नहीं था सिर्फ पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के पिता अभय राम सिंह यादव मौजूद थे।