कोलकाता: भारत की अध्यक्षता में जी20 एंटी-करप्शन वर्किंग ग्रुप (एसीडब्ल्यूजी) की तीसरी और अंतिम बैठक बुधवार को कोलकाता में शुरू हुई है। दो दिनों तक चलने वाली यह बैठक एक पांच सितारा होटल में हो रही है। इसमें जी20 सदस्यों, 10 आमंत्रित देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 154 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हैं। इसके बाद 12 अगस्त को जी20 की भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डॉ. जितेंद्र सिंह करेंगे।
वह प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री भी हैं। यह जी-20 एसीडब्ल्यूजी की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक और एसीडब्ल्यूजी मंत्रिस्तरीय बैठक है। मंत्रिस्तर पर होने वाले विचार-विमर्श से भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए और राजनीतिक प्रोत्साहन मिलेगा। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई है कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों में एसीडब्ल्यूजी की महत्वपूर्ण भूमिका है।
गुरुग्राम और ऋषिकेश में आयोजित क्रमशः पहली और दूसरी एसीडब्ल्यूजी बैठकों के दौरान, भारत महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों पर तीन परिणाम दस्तावेजों (उच्च स्तरीय सिद्धांतों) को अंतिम रूप देकर अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जी20 में आम सहमति बनाने में सक्षम रहा है।
इस लिहाज से कोलकाता में हो रही यह अंतिम बैठक भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।यह व्यावहारिक और कार्रवाई-उन्मुख उच्चतम-स्तरीय प्रतिबद्धताएं भ्रष्टाचार के अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और मुकदमा चलाने, घरेलू भ्रष्टाचार-विरोधी संस्थागत ढांचे को मजबूत करने, भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण और विदेशी न्यायालयों से ऐसे अपराधियों की संपत्ति की वसूली में योगदान देंगी।
कोलकाता में हो रही इस बैठक में छह सूत्रीय योजना पर चर्चा हो रही है जिसमें विभिन्न देशों में आर्थिक अपराध कर शरण लिए हुए अपराधियों के प्रत्यर्पण और संपत्ति जब्ती के लिए संबंधित एजेंसियों में जानकारी साझा करने पर सहमति बनी है। एसीडब्ल्यूजी भ्रष्टाचार से निपटने में ऑडिट संस्थानों की भूमिका पर भी ध्यान केंद्रित करने पर सहमति बनी है।