अमेरिका में छह जनवरी की हिंसा को लेकर ट्रंप के सहोयगियों को सम्मन

वाशिंगटन। अमेरिका में इस साल छह जनवरी को संसद भवन में हुई हिंसा की जांच कर रही सदन की समिति ने अपनी तफ्तीश का दायरा बढ़ाते हुए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के छह और सहयोगियों को सम्मन जारी किया है। ट्रंप के ये सहयोगी 2020 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में उनकी हार को पलटने की उनकी कोशिश में करीब से शामिल रहे हैं। समिति के अध्यक्ष व मिसिसिपी के प्रतिनिधि बेनी थॉम्पसन ने सोमवार को एक बयान में कहा कि समिति ट्रंप की प्रचार समिति के पूर्व अधिकारियों और अन्य से गवाही और दस्तावेज की मांग कर रही है, जिन्होंने जो बाइडन की जीत के प्रमाणन को रोकने के लिए ‘वॉर रूम’ में हिस्सा लिया था।

थॉम्पसन ने कहा कि समिति ने ट्रंप के 2020 के पुन:निर्वाचन प्रचार के प्रबंधक बिल स्टेपियन, प्रचार के वरिष्ठ सलाहकार जेसन मिलर, प्रचार की राष्ट्रीय कार्यकारी सहायक एंजेला मैक्कलम, पूर्व राष्ट्रपति के सलाहकार वकील जॉन ईस्टमैन, ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन और बर्नार्ड केरीकी को सम्मन जारी किया है। केरीकी के बारे में समिति का कहना है कि उन्होंने होटल के उन कमरों के लिए भुगतान किया है जिनका इस्तेमाल छह जनवरी की घटना से पहले ‘कमान के केंद्रों’ के तौर पर किया जा रहा था।

थॉम्पसन ने कहा कि छह जनवरी को हुए हमले से कुछ दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति के करीबी सहयोगियों और सलाहकारों ने चुनाव को लेकर दुष्प्रचार का अभियान चलाया और ‘इलेक्ट्रोरल कॉलेज वोट’ की गणना को रोकने के तरीकों की योजना बनाई। उन्होंने कहा कि प्रवर समिति चुनाव के पलटने की उनकी हर कोशिश के बारे में जानना चाहती है और यह भी कि वे व्हाइट हाउस और कांग्रेस में किससे बात करते थे और उनका उन रैलियों से क्या संबंध था जिससे दंगा भड़का और इस सबके लिए किसने धन उपलब्ध कराया।

उल्लेखनीय है कि नवंबर 2020 में हुए चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगाए थे। इसके बाद इस साल छह जनवरी को दंगाई कैपिटल भवन (संसद) में घुस गए और हिंसा की थी। देश की कई अदालतों ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत को प्रमाणित किया है। वहीं ट्रंप प्रशासन के अटॉर्नी जनरल ने भी कहा है कि चुनाव में व्यापक धांधली के सबूत नहीं है।

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