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आवास योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करने पहुंची केंद्रीय टीम को तृणमूल ने बताया ‘राजनीतिक पर्यटक’

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इसके क्रियान्वयन की समीक्षा करने पहुंची केंद्रीय टीम को तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक पर्यटक करार दिया है। पार्टी के प्रवक्ता और राज्य महासचिव कुणाल घोष ने शुक्रवार को कहा है कि केंद्र ने आवास योजना क्रियान्वयन का सर्वे करने के लिए जिस टीम को भेजा है उनका मकसद योजना के क्रियान्वयन की जांच नहीं बल्कि राजनीतिक पर्यटन करना है। उन्हें राजनीतिक उद्देश्य के साथ ही पश्चिम बंगाल में भेजा गया है। पूरे देश में केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार है।

भाजपा शासित राज्यों में तो जिस तरह की दुर्नीति है वह सीमा से परे है लेकिन वहां किसी टीम को नहीं भेजा जाता। बंगाल में भाजपा के सांगठनिक सहयोगी के तौर पर काम करने के लिए ऐसे राजनीतिक पर्यटकों को भेजा जाता है इसीलिए वह बंगाल का रुपये भी बंद कर रहे हैं। इसके साथ ही केंद्रीय टीम के घेराव को हवा देते हुए कुणाल घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 100 दिनों की योजना के तहत काम करने वाले लोगों के रुपये केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है। ऐसे में अगर केंद्रीय टीम को देखकर लोग उन्हें घेरकर पूछें कि उन्हें रुपये क्यों नहीं मिल रहे हैं तो उन्हें जवाब देना ही होगा।

विपक्ष का पलटवार : भारतीय जनता पार्टी के नेता दिलीप घोष ने कुणाल के इस बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि कुणाल घोष के पेट में दर्द समझ में आता है क्योंकि उनकी पार्टी के लोगों ने प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के साथ मिलकर आवास योजना के नाम पर प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए रुपये का गबन किया है। अब जबकि केंद्रीय टीम उनके घर पहुंच रही है तो ऐसे ही लोग अपने दरवाजे पर खड़े ट्रैक्टर, घर में लगी टीवी, फ्रीज छिपा रहे हैं। इसलिए उन्हें दुख है यह बात समझ में आती है।

माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने भी कुणाल घोष पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आवास योजना में जिस बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है उसका लेश मात्र भी उजागर नहीं हुआ है। करीब 10 हजार करोड़ का गबन किया गया है। हम लोग शुरुआत से बोल रहे हैं कि इसकी जांच होनी चाहिए। अभिषेक बनर्जी ने तो खुद भी जांच में सहयोग करने की बात कही है।

उन्होंने खुद ही कहा है कि मेदनीपुर में सबसे अधिक भ्रष्टाचार हुआ है। राज्य सरकार को जांच में सहयोग करना चाहिए। एक तरफ स्वीकार कर रहे हैं कि आवास योजना में भ्रष्टाचार हुआ है और दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता अलग ही बयान दे रहे हैं। जनता समझदार है सब कुछ समझती है।

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