कोलकाता। पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान हावड़ा, हुगली और डालकोला में हुई सांप्रदायिक हिंसा की कलकत्ता हाईकोर्ट ने एनआईए जांच का आदेश दिया है। इसका विरोध सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने किया है जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इसका स्वागत किया है। गुरुवार को कोर्ट के आदेश के बाद तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने रामनवमी की शोभायात्रा में बंदूक लेकर शामिल हुए एक युवक की तस्वीर साझा की और लिखा कि केंद्रीय एजेंसियां भारतीय जनता पार्टी को बचाती हैं। मुंगेर के हथियारबंद लोगों को बचाने की कोशिश है।
केंद्र और भाजपा का एक ही प्लॉट है कि पहले सांप्रदायिक उन्माद फैलाओ उसके बाद एनआईए को प्रवेश करने के लिए मंच बना दो। उसके बाद राजनीति करो। भाजपा शासित राज्यों में एनआईए क्यों नहीं जाती? जैसे सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में शुभेंदु का नाम रखने के बावजूद उनके भाजपा में होने की वजह से उन्हें गिरफ्तार नहीं किया ठीक उसी तरह से एनआईए करेगी। इधर भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत है।
कोर्ट ने कहा है कि हिंसा की जांच के सारे दस्तावेज एनआईए को देने होंगे। ये हिंसा की घटनाएं पूर्व नियोजित थीं और ममता बनर्जी के खास समुदाय वाले तृणमूल समर्थकों की ओर से की गई। यह तभी हुआ जब एक दिन पहले ममता बनर्जी ने उकसावे वाला भाषण दिया था। उल्लेखनीय है कि रामनवमी के समय राजधानी कोलकाता से सटे हावड़ा, हुगली और डालखोला में सांप्रदायिक हिंसा में कई गाड़ियों में तोड़फोड़, पथराव और आगजनी हुई थी।