कोलकाता। आगामी 13 मार्च से संसद के बजट सत्र का द्वितीय अधिवेशन शुरू होने जा रहा है। 16 अप्रैल तक चलने वाले इस सत्र में पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने दोनों सदनों में केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर रहने का निर्णय लिया है। पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तृणमूल सांसदों को सदन में अडानी मुद्दे पर घेरने के निर्देश दिए हैं। खासकर एसबीआई, एलआईसी और वित्तीय निवेश के मुद्दे पर घेरेंगे। ममता के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी, लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बनर्जी और राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन को इस बारे में विशेष तौर पर निर्देश दिए गए हैं।
डेरेक ने कहा कि देश की पूरी अर्थव्यवस्था उद्योगपतियों के हाथ में चली गई है। बड़े औद्योगिक घरानों को केंद्रीय वित्तीय संस्थानों से मदद दी गई है। एलआईसी जैसी संस्था सवालों के घेरे में आ गई है। आरबीआई को लेकर भी कुप्रबंधन के दावे किए गए हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार से जवाब तलब किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फरवरी महीने में पूर्वोत्तर के राज्यों का चुनाव बीतने के बाद रसोई गैस की कीमत बढ़ा दी गई है। यह आम लोगों के खिलाफ कदम है। इस बारे में भी सवाल पूछे जाएंगे। इसके अलावा 100 दिनों के रोजगार सहित राज्य सरकार की केंद्रीय योजनाओं की फंडिंग केंद्र ने रोक दी है। इस बारे में भी संसद में सवाल पूछा जाएगा।
इसके अलावा यूपीए-2 के शासन के दौरान वर्ष 2010 में तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार ने संसद और राज्य की विधानसभाओं में 33 फ़ीसदी महिलाओं के लिए सीट आरक्षित करने का बिल पास किया था। वह बिल उसी साल राज्यसभा में पास हो गया था लेकिन केंद्र सरकार ने इसे कानून में तब्दील करने में अनिच्छा दिखाई है। इसे लेकर भी केंद्र से जबाव तलब किया जायेगा।