कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के तहत पश्चिम बंगाल के लंबित बकाए के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ दोतरफा रणनीति अपनाने का फैसला किया है। रणनीति का पहला हिस्सा प्रशासनिक दबाव का होगा, दूसरा 100 दिन की नौकरी और प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) जैसी योजनाओं के तहत लंबित बकाया जारी करने की मांग करने वाला राजनीतिक आंदोलन होगा।
एक वरिष्ठ कैबिनेट सदस्य ने कहा कि एक बार जब सभी नवनिर्वाचित पंचायत निकायों के बोर्ड लंबित बकाया राशि के जिलेवार विवरण की गणना करेंगे, तो मंजूरी के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को एक पत्र भेजा जाएगा। कैबिनेट सदस्य ने कहा, “केंद्रीय मंत्रालय को यह आवधिक अनुस्मारक तब तक जारी रहेगा, जब तक राज्य सरकार को सभी वैध केंद्रीय बकाया का भुगतान नहीं कर दिया जाता है।
अब समय आ गया है कि केंद्र और भाजपा यह समझें कि हाल ही में संपन्न राज्य पंचायत चुनाव में उनकी हार का एक बड़ा कारण योजना के तहत धन रोकने का केंद्र सरकार का निर्णय था।” पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, रणनीति का राजनीतिक हिस्सा नई दिल्ली में एक सामूहिक रैली सहित आंदोलन कार्यक्रम आयोजित करना होगा।
हाल ही में, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने घोषणा की थी कि वह दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए बंगाल से लगभग 10 लाख लोगों की एक सभा आयोजित करेंगे। उन्होंने विरोध रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति का भी संकेत दिया।