कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को सवाल किया कि क्या फेसबुक कुछ खास ”भड़काऊ पोस्ट” के खिलाफ अपनी भारतीय शाखा के कथित तौर पर निष्क्रियता बरतने से वाकिफ है। पार्टी की प्रवक्ता महुआ मोइत्रा ने दावा किया कि नफरत भरे (फेसबुक) पोस्ट भारत में पिछले तीन साल में कई जिंदगियों और संपत्ति को पहुंचे नुकसान की वजह रही और लूट, आगजनी तथा सांप्रदायिक हिंसा जैसी घटनाएं हुईं।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर पूछा, ”वे पूरे विश्व की सरकारों और अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी सामग्री और भड़काऊ पोस्ट में कमी लाने को लेकर काम करते हैं, लेकिन वे भारत में क्या कर रहे थे, खासकर इस मामले में? ” इससे पहले, कांग्रेस और माकपा फेसबुक पर लगे आरोपों के मद्देनजर संयुक्त ससंदीय समिति (जेपीसी) से जांच की माग कर चुके हैं। गौरतलब है कि पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर के बाद आरंभ हुआ।
इसमें फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाले पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी।