बंगाल के सुंदरबन में बाघों की आबादी 150 तक होने की उम्मीद

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने दावा किया कि राज्य में मुख्य रूप से दक्षिण 24 परगना और आंशिक रूप से उत्तर 24 परगना जिलों में फैले सुंदरबन मैंग्रोव वनों में बाघों की आबादी में नवीनतम जनगणना रिपोर्ट आने के बाद उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा सकती है। मल्लिक ने कहा, जनगणना के लिए रखे गए कैमरा-ट्रैप के फुटेज के आधार पर उनके विभाग के अनुसार, सुंदरबन में रॉयल बंगाल टाइगर्स की वर्तमान संख्या लगभग 150 होने की उम्मीद है।

मल्लिक ने दावा किया, अंतिम आंकड़ा केंद्र सरकार द्वारा घोषित किए जाएगा, लेकिन वन विभाग के विशेषज्ञ इस बात को लेकर काफी निश्चित हैं कि यह आंकड़ा 150 के आसपास रहेगा। उनके अनुसार, अनुमानित आंकड़ा 2018 में पिछली जनगणना में सामने आए 112 के आंकड़े से काफी अधिक है। उन्होंने कहा, इस वर्ष देश अप्रैल 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के लॉन्च की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है। पश्चिम बंगाल में सुंदरबन इस मामले में सफलता की कहानी का एक उदाहरण है।

नवीनतम बाघ जनगणना के निष्कर्ष प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता को दर्शाते हैं। 2018 की जनगणना ने 2006 में सिर्फ 1,411 से देश में बाघों की संख्या 2,967 दिखाई। मलिक के अनुसार, सुंदरबन मॉडल की सफलता राष्ट्रीय स्तर पर प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता का एक हिस्सा है।

सुंदरबन देश के उन 17 बाघ अभयारण्यों में से एक है, जिन्हें सीएटीएस अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाघों के लिए एक व्यापक आंदोलन क्षेत्र प्रदान करने के लिए सुंदरबन में और अधिक क्षेत्रों को कोर टाइगर जोन बनाने का इरादा रखती है। इसके लिए वन क्षेत्रों की पहचान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

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