कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति से एक मैसेज मिला है। जिसमें तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी को गिरफ्तार करने की धमकी दी गई है। उन्होंने कहा कि मुझे कल किसी से एक मैसेज मिला, जिसने कहा कि अभिषेक को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा, क्योंकि उसके कंप्यूटर से सभी सबूत फिर से प्राप्त कर लिए गए हैं। हां, उन्होंने कंप्यूटर से कुछ फाइलें रिट्रीव की हैं और अपनी फाइलें वहां लगा दी हैं। लेकिन, हम मूर्ख नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसी की छात्र शाखा) के स्थापना दिवस के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “हमने उन फाइलों को प्लांट करने के सभी सबूत भी निकाले हैं, जो कंप्यूटर में नहीं थे। मामले में एक सामान्य डायरी भी दर्ज की गई है।” उन्होंने परोक्ष रूप से पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरी मामले के मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र से जुड़ी एक कॉर्पोरेट इकाई के एक कर्मचारी की कोलकाता पुलिस के साइबर सेल में दायर शिकायत का हवाला दिया।
शिकायतकर्ता ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर पिछले दिनों दक्षिण कोलकाता में उक्त कॉर्पोरेट इकाई पर छापेमारी करते हुए “सबूत गढ़ने” का आरोप लगाया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी. आनंद बोस पर भी तीखा तंज कसा। उन्होंने राज्य में समानांतर प्रशासन चलाने की कोशिश का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उनकी कुर्सी का सम्मान करती हूं। लेकिन, मैं उनकी कार्यशैली को स्वीकार नहीं कर सकती।
वह अपनी संवैधानिक सीमाएं लांघ रहे हैं। उन्होंने हाल ही में एक सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी को बिना किसी शैक्षणिक अनुभव के एक राज्य-विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति के रूप में नियुक्त किया है। जादवपुर विश्वविद्यालय में उन्होंने किसी ऐसे व्यक्ति को अंतरिम उपाध्यक्ष नियुक्त किया है, जो बीजेपी के एक विशेष सेल के अध्यक्ष हैं। राज्यपाल यह भूल रहे हैं कि वह नियुक्त होते हैं और हम लोग चुने जाते हैं।