बंगाल के इन हस्तियों को मिल चुका है पद्म सम्मान

गुमनाम रहकर किए हैं बड़े बदलाव

Kolkata Hindi News, कोलकाता। केंद्र सरकार ने देश के 132 लोगों को पद्म सम्मान देने की घोषणा की है। इनमें से पांच दिग्गजों को पद्म विभूषण मिला है, 17 को पद्म भूषण और बाकी 110 को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।

सबसे अधिक उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के लोगों को पद्म सम्मान मिला है। दोनों ही राज्यों में 12-12 लोगों को सम्मानित किया गया है। उसके बाद दूसरे नंबर पर बंगाल है। यहां 11 लोग पद्म सम्मानों से विभूषित हुए हैं।

इनमें से अधिकतर लोगों ने गुमनाम रहकर जमीन पर काम किया और बड़े बदलाव लाने में कामयाब रहे हैं। पश्चिम बंगाल से मिथुन चक्रवर्ती को कला के क्षेत्र में पद्म सम्मान से सम्मानित किया गया है।

पश्चिम बंगाल के छोटे से क्षेत्र से निकलकर अभिनय के मामले में लोहा मनवाने वाले मिथुन दा के बारे में तो सब जानते हैं। इसी तरह से पश्चिम बंगाल से निकलकर देशभर में गायन के जरिए नाम कमाने वाली उषा उत्थुप को भी कला के क्षेत्र में पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा।

इसके अलावा बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे सत्यव्रत मुखर्जी को भी मरणोपरांत पद्म भूषण से नवाजा जाना है।

बंगाल में जिन अन्य लोगों को पद्म सम्मान मिला है उनमें गीता रॉय बर्मन, तकदिरा बेगम (कला), डॉक्टर नारायण चक्रवर्ती (विज्ञान व प्रौद्योगिकी), रतन कहार (कला), दुखु माझी (सामाजिक कार्य), सनातन रुद्र पाल (कला) , एकलव्य शर्मा (विज्ञान व प्रौद्योगिकी), नेपाल चंद्र सूत्रधार (कला) को पद्म श्री दिया जाएगा। इनमें से अधिकतर लोग ऐसे हैं जो गुमनाम रहे हैं।

पहले भी सम्मानित हो चुके हैं बंगाल के ये कलाकार

These celebrities of Bengal have received Padma Awardप्रसिद्ध मूर्ति कलाकार सनातन रुद्र पाल और नेपाल सूत्रधार पहले यूनेस्को पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। कुम्हार परिवार का बेटा सनातन अब खुश हैं। हर साल उनकी बनाई कम से कम 30 दुर्गा मूर्तियां देखने को मिलती हैं।

68 साल के सनातन के साथ कुल डेढ़ हजार कलाकार और कर्मचारी काम करते हैं। उनके पिता मोहनबाशी रुद्रपाल और ज्योथा राखाल पाल- दोनों ने वर्षों से कोलकाता में लगभग हर पूजा के लिए दुर्गा मूर्तियां बनाई हैं।

छाउ मास्क बनाने में पारंगत हैं नेपाल

इसी तरह से आठ साल की उम्र में नेपाल चंद्र ने अपने पिता से छाउ मास्क बनाना सीखा। अपने जीवनकाल में 70 से अधिक छाउ नृत्य मंडलियों को प्रशिक्षित किया। वह डांस भी अच्छा करते हैं। नेपाल बाबू का पिछले नवंबर में निधन हो गया था।

These celebrities of Bengal have received Padma Awardउनके बेटे कंचन ने कहा, ”पिताजी इस सम्मान को देखकर बहुत खुश होते। इस सम्मान ने चरीदार गांव के सभी मुखौटा (मास्क) कलाकारों का स्तर ऊंचा उठा दिया।”

बाघमुंडी के सिंदरी गांव के मूल निवासी दुखु माझी, जिन्हें ”गाछ (पेड़) दादु” के नाम से जाना जाता है, ने कहा, ”25 साल की उम्र से, मैं हरियाली को बचाने और बढ़ाने के एकमात्र उद्देश्य से लगातार पेड़ लगा रहा हूं। यह सम्मान पाकर मेरा हौसला और भी बढ़ गया। और अधिक पेड़ लगाऊंगा।”

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