कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के बाद भी राज्य सरकार गंगा सागर मेला (Ganga Sagar Mela) आयोजित करना चाहती है। कलकत्ता हाईकोर्ट को सरकार ने सूचित किया और वहीं जनहित याचिका दायर कर आयोजन की इजाजत मांगी है। कोर्ट ने ममता सरकार से इस आयोजन से जुड़े सवाल पूछे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या मेला बंद करना असंभव है। राज्य क्या चाहता है? सरकार की तरफ से जवाब देते हुए महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट को इसकी जानकारी दी।
अधिवक्ता गोपाल मुखर्जी ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि खारे पानी से कोरोना नहीं फैलता है। सरकार के इस बयान को लेकर चर्चा हो रही है। सरकार ने कहा कि राज्य को जिलाधिकारी से रिपोर्ट मिली है। राज्य ने अपने फैसले में कई मुद्दों पर विचार किया है। राज्य सरकार मेला जारी रखने के पक्ष में है। मेले के लिए कुछ प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। मेले के दौरान ई-दर्शन और ई-स्नान पर विशेष जोर दिया जाएगा।
बीते दो दिन पहले ही कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए इस साल गंगा सागर मेला को बंद करने की मांग की गई है। गंगा सागर मेला स्थगित करने के लिए कोलकाता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। पेशे से डॉक्टर अभिनंदन मंडल ने कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने मेले में जुटने से कोविड-19 संक्रमण का खतरा और बढ़ने की आशंका जताई है। बीते 24 घंटे के दौरान बंगाल में 14,022 मामले दर्ज हुए।