भारतीय व्यंजनों की एक झलक : कड़ी 2 (उत्तर भारतीय राज्य)

(उत्तर भारतीय राज्य)

बद्रीनाथ साव। भारतीय व्यंजनों की एक झलक श्रृंखला के कड़ी १ के बाद अब बारी है कड़ी २ की जिसमे मैं आपको उत्तर भारतीय राज्यों की परम्परागत खान-पान से अवगत कराने की कोशिश करूँगा।

7. उत्तर प्रदेश :
तो शुरू करता हूँ उत्तर भारत के सबसे प्रमुख और बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से , राजनीतिक गलियारों में ये राज्य हमेशा ही सुर्ख़ियो में रहता है , लेकिन खान-पान में भी इसका कोई जवाब नहीं। बरेली से लेकर वाराणसी और गोरखपुर से लेकर कानपुर एक से एक स्वादिष्ट व्यंजनों से ये हमेशा ही सैलानियों को आकर्षित करता रहा है। आपको यहां मुख्य रूप से बट्टी चोखा,बेधई , पेढ़ा ,पेठा ,टेहरी , बैगन की लौँग , गलौटी कबाब , भिंडी का सालन , बेडमी , रेवड़ी , कबाब पराठा , गुजिया , फ़ारा , इत्यादि मिल जाएंगे जिसकी महक से ही मुँह में पानी का उतर आना तो लाज़मी है ही।

8. उत्तराखंड : 
वैसे ये देवो की भूमि कहलाती है और तीर्थस्थानों से भरी पड़ी है , पर भूखे पेटो को यहां की खाश व्यंजने हमेशा बाहें खोलकर स्वागत करती है। खंड रूपी इसके हर जिले शहर में उत्तराखंड के व्यंजनों की धाक चलती है। यहां पायी जाने वाली कुछ खाश व्यंजने इस प्रकार है। आलू के गुटके , फाणु , काफूली / काप्पा , बाडी , चेन्सू , रस /ठाटवानी , दुबक /दुबके , चुड़कानी , झंगोरे की खीर , सिसुनाक साग इत्यादि।

9.राजस्थान :
रंगीलो मारा ढोलना , ढोलना , ढोलना ओ……. , ऐतिहासिक भूमि राजस्थान हमेशा से सैलानियों की पहली पसंद रही है , यहां की ऐतिहासिक विरासत ने हमेशा ही सबका ध्यान आकर्षित किया है , तो यहां परम्परागत व्यंजनों ने भी थालियों की शोभा बढ़ने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। आपके जुबान पे दाल बट्टी चूरमा , गट्टे की सब्ज़ी की स्वाद है तो फिर आपको राजस्थान का शुक्रिया अदा करना चाहिए लाल मांस  केर सांगरी के नाम से ही जीभ ललचाने लगे तो जान लीजिये राजस्थान आपके स्वागत में गाये जा रहा है की केशरिया बालम पधारो मोरे देश रे , पापड़ की सब्ज़ी , बाजरे की रोटी सह लहसुन की चटनी , राब , प्याज की कचौड़ी , और गेवर जैसी व्यंजनों ने अगर आपके भूख को बढ़ा दिया है तो समझ लीजिये की राजस्थानी खानों ने आपका दिल जीत लिया है।

10. हरियाणा :
हरियाणा की गाय सिर्फ देश में ही नहीं विदेशो में भी प्रसिद्द है। तो ऐसा कैसे हो सकता है की गाय के दूध से बनी कुछ व्यंजन हरियाणा की शोभा ना बढ़ाये।आपको ढूढ़ से बनी व्यंजनों में प्रमुख रूप से हरियाणा में ही भूरा रोटी घी और मीठी गाजर मिलेगी , इसके अलावा भी हरियाणा खान पान में निम्नलिखित व्यंजनों का प्रतिनिधित्व करता है। सिंगरी की सब्ज़ी , बेसन मसाला रोटी , हरा धनिया छोलिया, मिक्स दाल , कढ़ी पकोड़ा , बाजरा खिचड़ी , बथुआ रायता , कचरी की चटनी , अलसी की पिन्नी , इत्यादि। दोस्तों यहां मैं यह बता देना चाहूंगा कि हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ भारत के केंद्रशासित राज्यों की क्ष्रेणी में भी आती है,पर अलग से यहां के व्यंजन की कोई विशेषता नहीं है जो है वो हरियाणा से ही जोड़कर ही देखी जाती है।

11. पंजाब :
तंदुरुस्ती और बाहुबल के मामले में पंजाब का कोई मुकाबला नहीं, यहीं कारण है की देश के कई हिस्सों में आपको पंजाबी ढाबा, पंजाबी रेस्टोरेंट मिल जाएंगे। गेहूँ की रोटी मक्के की रोटी लस्सी तो यहां घर – घर की पहचान है,ऐसे पंजाब का भारत देश में होना अत्यंत ही प्रसन्नता की बात है। प्रमुख रूप से यहां खायी जाने वाली व्यंजन है। छोले कुलचे ,आलू पराठा , पनीर पराठा , तंदूरी रोटी , तंदूरी चिकन , मक्के की रोटी , गोभी पार्था , हलवा पूरी , भटूरा, फलूदा , मखनी दूध , खोए , पाया इत्यादि इसके अलावा अगर आप पंजाब की सैर करते है तो आपको कदम कदम पे दूध , दही , छास , कढ़ी , रायता जैसे पेय प्रदार्थो से लोग आपका स्वागत करते दिख जाएंगे।

12. दिल्ली :
भारत की राजधानी दिल्ली दिलो में बस्ती है , यहां के लोग दिल खोल के खाते – पीते है और खिलाते भी है , फिर चाहे वो देशी हो या विदेशी हर कोई यहां आने के बाद रबरी फलूदा कुल्फी , छोले कुलचे , शवर्मा , दौलत की चाट , सोहन हलवा खाना बिलकुल नहीं भूलते है।

13. हिमाचल प्रदेश :
हिम के अंचल में बसा हिमालय की धड़कन हिमाचल प्रदेश अपनी हरी भरी छवि से जितना मोहित करती है उतना ही प्यार वो अपने परम्परागत व्यंजनों में भी उड़ेलती है। यक़ीनन आप यहां के लोगो के द्वारा पेश की गयी मडरा , धाम , तुड़किया भात , भेय , सिद्दू , बबरु , मिट्ठहा , अकोत्री , कुल्लू ट्राउट फिश , , काले चने का खट्टा का स्वाद वापस अपने घर लौटकर भी नहीं भूल पाइएगा।

14. जम्मू व् कश्मीर :
कहते है धरती पे कही स्वर्ग है तो वो यहीं है, यहीं है , यहीं है। जम्मू कश्मीर की खूबसूरत वादियां , यहां की डल झील , यहां की राजनितिक उथल-पुथल, आतंकी गतिविधियां भले ही हमेशा सुर्ख़ियो में रहती हो लेकिन वावजूद इसके यहां की स्वाद में कोई कमी नहीं आती। कश्मीर से घूमकर आने वाले हर शख्श की जुबां पे वहाँ की व्यंजने रोगन जोश , मोडर पुलाव , मॉस्च्गंड , यखनी ,दम ऑलव , कश्मीरी मुजी गाद , अब गोश्त , गोश्ताबा , का स्वाद आ ही जाता है। इनमे से कुछ वयंजन लदाख का भी प्रतिनिधित्व भी करती है, जिनमे प्रमुख है लयोदर सचमन, थुक्पा, स्क्यु , खंबीर, तंगदूर, मोमोस, थेंथुक इत्यादि।

तो ये थी उत्तर भारतीय राज्यों के व्यंजनों की झलक। अगले कड़ी में लेके चलूँगा आप सबको पश्चिम भारत की ओर , तबतक आप सब कमेंट बॉक्स में ये बताइये की आप उत्तर भारत के किस राज्य से है और उस राज्य के किस व्यंजन को बड़े चाव से खाते है।

जारी है ……….

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *