डीए की मांग पर सरकारी कर्मचारियों के कार्य विराम का बहुत अधिक असर नहीं

कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों की ओर से महंगाई भत्ता (डीए) की मांग पर सोमवार और मंगलवार को दो दिवसीय कार्य विराम के पहले दिन सरकारी दफ्तरों पर बहुत अधिक असर नहीं दिख रहा। राज्य सरकार का दावा है कि राज्य सचिवालय नवान्न सहित राइटर्स बिल्डिंग और अन्य सरकारी विभागों में उपस्थिति लगभग सामान्य है। दूसरी ओर आंदोलनरत कर्मचारियों ने दावा किया है कि सचिवालय सहित अधिकतर सरकारी विभागों में काम बंद है और आहूत कार्य विराम का अच्छा खासा असर देखने को मिल रहा है।

राइटर्स बिल्डिंग में काम करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि हमलोग दफ्तर आए हैं लेकिन हाजिरी लगाने के बाद काम नहीं कर रहे हैं। बहुत अधिक जरूरी फाइल होगी तभी हस्ताक्षर किया जाएगा। हमलोग नहीं चाहते हैं कि आम लोगों को परेशानी हो। पिछले 11 दिनों से जारी सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल के बीच पिछले हफ्ते बुधवार को राज्य सरकार ने बजट पेश किया था जिसमें तीन फ़ीसदी के डीए बढ़ोतरी की घोषणा की थी। कर्मचारियों ने इसे साफ तौर पर नकारते हुए स्पष्ट कर दिया था कि केंद्रीय पैमाने के मुताबिक उन्हें 39 फ़ीसदी डीए देना होगा।

संग्रामी संयुक्त मंच के बैनर तले 32 संगठनों के कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। 38 संगठनों ने दो दिनों के कार्य विराम का समर्थन किया है। राज्य सरकार ने कार्य विराम का आह्वान किए जाने के बाद एक सख़्त सर्कुलर जारी कर कहा था कि जो लोग इन दो दिनों में अनुपस्थित रहेंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार के इस कड़े रुख़ को देख कर्मचारियों का एक वर्ग ड्यूटी पर आया लेकिन काम काम नहीं हुआ।

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