शिक्षा के क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति पर खड़ा है कृष्णा ज्ञान निकेतन
धर्मवीर कुमार सिंह, सिवान : बिहार के सिवान जिला के भिट्ठी नामक ग्राम में स्थित शिक्षा ज्ञान निकेतन में लम्बे समय के बाद स्कूल खुलने से बच्चों में खुशी का माहौल देखने के लिए मिला। कोरोना के वजह से लॉकडाउन के बाद स्कूल डेढ़ साल से बंद था, जिससे बच्चों के पढ़ाई के ऊपर काफी बुरा असर पड़ा लेकिन बिहार में कुछ महीने हुए स्कूल निरंतर चल रहा है जिससे बच्चों में खुशी का माहौल देखने के लिए मिला। स्कूल के प्रधानाध्यापक मोहम्मद मुस्तकीम अंसारी ने कोलकाता हिन्दी न्यूज़ के संवाददाता धर्मवीर कुमार सिंह को जानकारी देते हुए बताया कि सालों से स्कूल बंद था जिससे बच्चों के पढ़ाई के ऊपर काफी बुरा असर पड़ा है। बच्चों के शिक्षा में काफी ज्यादा दूरियां आई है इसको फिर से पुनः चालू करने में वक्त लगेगा और पूरी तरीके से पहले की तरह पढ़ाई जारी हो जाएगी।
बच्चे भी धीरे -धीरे लंबे समय के बाद पढ़ाई के क्षेत्र में रूचि ले रहे हैं। काफी दिनों से स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की संख्या में काफी कमी देखने के लिए मिली है। लेकिन उम्मीद है कि धीरे-धीरे कमी पूरी हो जाएगी और बच्चों की संख्या में वृद्धि हो जाएगी। मैथ के शिक्षक कमलेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया की स्कूल खुले हुए कुछ महीने हो गए हैं जिसके बाद बच्चों में धीरे-धीरे पढ़ाई के प्रति लगाव हो रहा हैं। इंग्लिश के टीचर कविता वर्मा का कहना है कि लॉकडाउन के बाद बच्चों के पढ़ाई के ऊपर काफी ज्यादा बुरा असर पड़ा है। खासकर छोटे बच्चों में यह देखने को मिला है कि वे लोग अपनी पढ़ाई भूल चुके हैं। दोबारा रिपीट कराने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
उसी स्कूल के आठवीं के छात्र राहुल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि वह बड़ा होकर सेना मे जाना चाहते है और देश कि सेवा करना चाहते है। उसी स्कूल के छात्र मनीष कुमार पांडे ने बताया की उनकी पढ़ाई ऑनलाइन और कोचिंग के माध्यम से सालों से चल रही थी लेकिन जैसे ही उनको स्कूल खुलने की सूचना मिली वह काफी खुश हुए और ऑफलाइन क्लासेस कर काफी खुश हैं। उनका फेवरेट सब्जेक्ट साइंस है। सातवीं की छात्रा साहिन परवीन का कहना है कि वह बड़ा होकर सिविल इंजीनियर बनना चाहती हैं। उसी स्कूल कि छात्रा ब्यूटी कुमारी ने बताया की सालों से स्कूल बंद होने के बाद भी उन्होंने अपने पढ़ाई को कायम रखा। ऑनलाइन माध्यम से और कोचिंग के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में कोई गैपिंग नहीं होने दिया। वह बड़ा होकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती है।