भाषा के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं – डॉ. शैलेंद्र शर्मा

माधव महाविद्यालय में भाषा समिति द्वारा व्याख्यानमाला आयोजित

डॉ. रफीक नागौरी, उज्जैन । हिन्दी भाषा और देवनागरी लिपि में रोजगार की अपार सम्भावनाएँ हैं। माधव कालेज एक ऐसी संस्था है, जिसमें पाँच भाषाओं में अध्ययन – अध्यापन कार्य हो रहा है। ये भाषाएँ नये दौर में गतिशीलता लिए हुए चल रही हैं और रोजगार दे रही हैं। हिन्दी के शिक्षण से अनेक क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल रहा है। शोध कार्य में लगे हुए अध्येता वृत्ति परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को शोध अध्येतावृत्ति प्राप्त हो रही है। हिन्दी के माध्यम से रोजगार के कई आयाम उद्घाटित हो रहे हैं। हम को यह ध्यान रखना चाहिए कि भाषा की सृजनात्मकता समाप्त न हो। कुछ लोगों को अनुवादक के रूप में रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।

जनसंचार माध्यमों और सूचना प्रौद्योगिकी में भी रोजगार के अवसर हैं। हिन्दी फ़िल्मों में भी रोजगार के लिए पर्याप्त अवसर हैं। ये उद्गार माधव महाविद्यालय में भाषा के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं विषय पर भाषा समिति द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला के प्रथम दिवस विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने व्यक्त किये। डॉ. अल्पना उपाध्याय ने कहा कि छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए ऐसे कार्यक्रम बहुत उपयोगी सिद्ध हुए हैं। माधव महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जवाहरलाल बर्मैया ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस कार्यक्रम से विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा।

कार्यक्रम का संचालन हिन्दी की विभागाध्यक्ष डॉ. नीलिमा वर्मा ने किया। कार्यक्रम में डॉ. राजश्री शेठ, डॉ. लक्ष्मण गोरस्या, डॉ. राजश्री शर्मा, डॉ. ग़ुलाम हुसैन, डॉ. अल्पना दुभाषे, डॉ. अंशु भारद्वाज, डॉ. आयशा सिद्दीकी, डॉ. संतोष शर्मा, डॉ. शोभा मिश्रा, डॉ. सीमा बाला अवास्या, डॉ. मधुबाला अग्रवाल, डॉ. रफीक नागौरी, प्रो. सादिक मंसूरी, डॉ. संगीता दुबे, डॉ. नलिनी तिलकर आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। डॉ. नलिनी ने अतिथि परिचय दिया। डॉ. मृदुल चंद्र शुक्ल ने आभार व्यक्त किया। महाविद्यालय के स्टॉफ ने अतिथि डॉ. शर्मा का स्वागत किया।

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