दुनियां में सबसे ज्यादा सुरक्षा में रहने वाली शख़्सियत जो बाइडेन अप्रत्याशित युद्ध के बीच इसराइल पहुंचे
अमेरिका ने तुर्की में अपना दूतावास बंद किया
हमास इजरायल युद्ध – जंग का दायरा बढ़ा – अगले कुछ दिन पूरी दुनियां के लिए बेहद अहम है – एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनांनीं गोंदिया
किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर हम अगर हालिया 2022 वर्ष से लेकर नजर डालें तो दुनियां के देशों को हम चार भागों में बंटे देखतें हैं। पहले पश्चिमी देश सहित कुछ मंच, दूसरा अरब मुस्लिम देश जो अभी हम इसराइल हमास युद्ध में देख रहे हैं, तीसरा चीन रूस पाक सहित कुछ देश और चौथा भारत अफ्रीकी यूनियन व मित्र देश। इस समय हर समूह अपने आप को श्रेष्ठता की श्रेणी में रखना चाहता है और समूह को अपने पाले में रखना चाहता है। आज के वैश्विक समुदाय में उसकी पूछ परख बढ़े। अगर उसके गुट के किसी छोटे देश पर भी किसी ने तिरछी नजर डाली तो वह ग्रुप उसका उसके साथ खड़ा हो जाता है, जिसका अभी ताजा उदाहरण हम इसराइल-हमास और रूस-यूक्रेन युद्ध में देख रहे हैं कि पिछले करीब 17 माह से यूक्रेन मुकाबला करने की ताकत संजोए हुए हैं। उधर मुस्लिम देशों के बीचों बीच घिरा हुआ देश इसराइल भी दमखम के साथ अपनी हिम्मत दिखा रहा है, जो हर कोई जानता है कि यह बल किससे प्राप्त हो रहा है।
यानें दूसरी भाषा में हम यूं कह सकते हैं कि जैसे 32 दांतों के बीच जीभ रहती है वैसे ही अरब राष्ट्रों के बीच इसराइल हैं। यानें इसराइल एक दुनियां का इकलौता ऐसा देश है जो बहुत ही छोटा होने पर भी इतने अरब देशों के बीच घिरा हुआ है, इसके बावजूद अपनी शर्तों पर जी रहा है, प्रगति कर रहा है, रक्षा क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है और उसके पीछे पश्चिमी देश खड़े हैं जो अभी हम हमास इजरायल युद्ध में देख रहे हैं। अमेरिका ने दिनांक 18 अक्टूबर 2023 को देर रात्रि तुर्की में अपना दूतावास बंद करने की घोषणा की, वहीं ब्रिटेन फ्रांस ने अपने नागरिकों को इसराइल छोड़ने को कहा है तो भारत में भी मिशन अजेय के माध्यम से 18000 भारतीयों के फंसे होने से सात ट्रिप लगा चुका है जो अभी चालू है। वही दिनांक 18 अक्टूबर 2023 को अमेरिकन राष्ट्रपति जो बायडेन दोपहर इसराइल पहुंचे जिस पर इस मामले की गंभीरता को समझा जा सकता है कि दुनिया एक नए तरह के युद्ध के मुहाने पर जा पहुंची है, जिसे अमेरिका सहित पूरी दुनिया टेंशन में है। चूंकि जो बाइडेन आज इजरायल में नेतन्याहू से बैठक किए और अस्पताल पर हमले में मृत 500 से अधिक लोगों पर संवेदना के साथ इसराइल को क्लीन चिट देकर बाहरी हाथ होने और अनेक बातों की चर्चा की इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, हमास इजरायल युद्ध जंग का दायरा बढ़ा, अगले कुछ दिन पूरी दुनियां के लिए बेहद आहम है।
साथियों बात अगर हम अमेरिकी राष्ट्रपति का 18 अक्टूबर 2023 को इसराइल दौरे की करें तो, तेल अवीव पहुंचे जो बाइडेन ने इजरायल के पीएम के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता नहीं है कि गाजा के अस्पताल में हुए ब्लास्ट के पीछे इजराइल का हाथ है। उन्होंने गाजा में हॉस्पिटल पर हमले के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया है। बाइडेन ने कहा कि हमास की बर्बरता के सामने आईएसआईएस भी कुछ नहीं है। तेल अवीव पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते हुए बाइडेन ने कहा, गाजा के अस्पताल पर आज हुए हमले से मैं बहुत दुखी हूं, मैंने जितना भी देखा है मुझे लगता है कि ये दूसरी टीम (हमास) ने किया है। आपने (इजरायल) नही। बाइडेन ने इजरायल को अमेरिका के पूरे समर्थन की बात दोहराई। बाइडेन ने कहा कि हमास ने 1300 से ज्यादा लोगों का कत्ल किया है, जिनमें कई अमेरिकी भी शामिल हैं। कई लोगों को अगवा कर लिया। हमास ने इतनी बर्बरता की है कि आईएसआईएस भी उसके सामने कुछ नहीं ठहरता। बाइडेन ने कहा, हमें ये भी ध्यान रखना होगा कि हमास सभी फिलिस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता। ये संगठन फिलिस्तीनियों के लिए सिर्फ दुख-दर्द लेकर आया है। बाइडन ऐसे समय में इजरायल पहुंचे हैं, जब हमास के साथ जंग बहुत ही गंभीर मोड़ पर है। गाजा के अस्पताल पर हुए हमले के बाद स्थितियां और जटिल हो गई हैं। इस हमले की वजह से मध्य पूर्व में अमेरिका के लिए भी काफी मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं। जॉर्डन, मिस्र और फिलिस्तीन ने जहां इसकी शुरुआत कर दी है तो वहीं लेबनान में प्रदर्शन बाइडन के लिए सिरदर्द बढ़ाने वाले हैं।
साथियों बात अगर हम गाजा के अल अहली अस्पताल पर हमले के बयान की करें तो, इजरायल ने गाजा के एक अस्पताल पर हमले किए जिसमें करीब 500 लोगो की मौत हो गई। जिसकी जानकारी गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। गाजा की तरफ से जारी बयान के मुताबिक जिस अस्पताल पर हमले किए गए, वहां सैंकड़ों लोग बीमार और घायल थे। इजरायल पर फिलस्तीनियों ने दक्षिणी गाजा में भीषण हवाई हमले करने का भी आरोप लगाया है। वहीं इजरायल वॉर रूम ने अस्पताल पर हमले से इनकार करते हुए कहा कि ये हमला इजरायल ने नहीं किया बल्कि ये हमास के मिसफायर का नतीजा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इजरायल वॉर रूम ने कहा कि गाजा शहर के बैपटिस्ट अस्पताल में बड़े पैमाने पर लोगों के मौत और घायल होने की घटना हमास द्वारा की गई रॉकेट की गलत लॉन्चिंग की वजह से हुई।इजरायल के पीएम ने कहा कि, पूरी दुनिया को पता होना चाहिए कि गाजा के बर्बर आतंकवादियों ने ही गाजा के अस्पताल पर हमला किया था, आईडीएफ ने नहीं। पीएम ने कहा, जिन लोगों ने इजरायल के बच्चों की बेरहमी से हत्या की, उन्होंने अपने बच्चों की भी हत्या कर दी।
साथियों बात अगर हम अरब देशों के खफा होने की करें तो गाजा पर हमले के बाद मुस्लिम देश खासे नाराज हैं। मिस्र से लेकर तुर्की, लेबनान और फिलिस्तीन अमेरिका से खासे खफा हैं। सीरिया ने तो सारी स्थिति के लिए अमेरिका को ही दोषी ठहरा दिया है। बाइडन पहले जॉर्डन की भी यात्रा करने वाले थे लेकिन वाशिंगटन से रवाना होने से पहले अरब नेताओं के साथ उनकी बैठक रद्द हो गई। इससे संघर्ष के इस क्षण में अहम बातचीत के लिए नेताओं की आमने सामने की बैठक का मौका नहीं मिल पाया। बाइडन अब सिर्फ तेल अवीव में रुकें।
साथियों बात अगर हम हमास इजरायल युद्ध और अस्पताल पर हमले पर भारत के बयान की करें तो भारतीय पीएम ने गाजा के अल अहली अस्पताल में लोगों के मारे जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना की। एक एक्स पोस्ट में पीएम ने कहा गाजा के अल अहली अस्पताल में जन-हानि से गहरा सदमा लगा है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करते है। वर्तमान संघर्ष में नागरिकों का हताहत होना गंभीर और निरंतर चिंता का विषय है। इसमें शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। घायल लोगों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। हमले के जिम्मेदार लोगों को सजा दिए जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा, मौजूदा संघर्ष में आम नागरिकों की जान जाना गंभीर चिंता का विषय है। जो लोग हमले में शामिल रहे हैं, उन्हें निश्चित ही सजा दी जानी चाहिए। भारत ने इजरायल पर हमास के हमले को आतंकी हमला करार दिया है, साथ ही अपने दीर्घकालिक रुख पर भी बरकरार है, जिसमें संप्रभु और स्वतंत्र फिलिस्तीन की स्थापना के लिए बातचीत (वार्ता) की वकालत की गई है।
इजरायल हमास युद्ध पर विदेश मंत्रालय का विस्तृत बयान सामने आया। मंत्रालय के प्रवकता ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना एक वैश्विक दायित्व है और इसी तरह आतंकवाद के खतरे से लड़ना भी वैश्विक जिम्मेदारी है। हमास के अचानक हमले के बाद इजरायल के जवाबी हमलों, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से नेतन्याहू प्रशासन को ‘युद्ध के नियमों के अनुसार काम करने’ का संदेश दिए जाने और इसके मद्देनजर गाजा में फिलिस्तीनियों की दुर्दशा को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में बागची ने ये बातें कहीं। उन्होंने ये भी कहा कि भारत का ध्यान उन भारतीयों को इजरायल से वापस लाने पर है, जो मौजूदा स्थिति को देखते हुए वापस लौटना चाहते हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ऑपरेशन अजय’ के तहत चार्टर्ड प्लेन के जरिये भारतीयों को इजरायल से वापस देश ला रही है। हालांकि इस ऑपरेशन में भारत लौटने की कोई अनिवार्यता नहीं है। यानी जिन्हें इजरायल में रहने पर कोई दिक्कत या खतरा महसूस हो रहा, केवल उन्हें ही सरकार वापस लाएगी।
साथियों बात अगर हम अमेरिकी राष्ट्रपति के अचानक इसराइल पहुंचने की करें तो, इजरायल और चरमपंथी संगठन हमास के बीच जारी जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पिछले करीब 13 दिनों से ये जंग जारी है।दोनों तरफ से अब भी हमले जारी हैं और लोगों की मौतों का सिलसिला भी लगातार आगे बढ़ रहा है। अब तक करीब 3500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच दुनिया के बड़े देश इस युद्ध को रोकने की कोशिश में जुटे हैं, जिसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अचानक इजरायल पहुंच गए। हवा में उड़ती मिसाइलों के बीच जो बाइडेन इजरायल के तेल अवीव शहर पहुंचे। ये पहली बार नहीं है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन किसी दूसरे युद्धग्रस्त देश में गए हों, इससे पहले वो रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच यूक्रेन पहुंच गए थे।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे का विवरण का अध्ययन करें तो हम पाएंगे कि दुनियां एक नए तरह के युद्ध के मुहाने पर पहुंची – अमेरिका सहित पूरी दुनियां टेंशन में? दुनियां में सबसे ज्यादा सुरक्षा में रहने वाली शख़्सियत जो बाइडेन अप्रत्याशित युद्ध के बीच इसराइल पहुंचे। हमास इजरायल युद्ध – जंग का दायरा बढ़ा – अगले कुछ दिन पूरी दुनियां के लिए बेहद अहम है।
(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)