हावड़ा : 17 जुलाई, श्रावण महीने के आगमन पर अपना मोद प्रकट करते हुए, ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ की हावड़ा इकाई द्वारा संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरिधर राय के मार्गदर्शन में एक अभूतपूर्व काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह की अध्यक्षता में हावड़ा जिला इकाई द्वारा किया गया, जिसका अत्यंत ही कुशल संचालन किया जिला उपाध्यक्ष अंजनी कुमार राय ने। कार्यक्रम का शुभारम्भ आलोक चौधरी द्वारा सरस्वती वन्दना की मधुर प्रस्तुति के साथ हुआ।
हावड़ा जिलाध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद ‘अनुरागी’ ने सभी रचनाकारों के स्वागत करते हुए ऐसी काव्य संध्या का आरम्भ किया जिसमें विभिन्न कवियों ने पावस ऋतु के आगमन पर अपनी उत्कृष्ट रचनाओं के माध्यम से काव्य की फुहारें बरसाई। इस अवसर पर राम पुकार सिंह ने “सावन क्या बला है, कहना क्या, ज़ुल्म ढाता है/आते ही ये दिल में आग तो सबके लगाता है। “ग़ज़ल कही, तो आलोक चौधरी ने ‘बादलों की पालकी में आई बरखा’ सुनाकर सभी को पावस ऋतु के आगमन की सूचना दी।चंद्रिका प्रसाद ‘अनुरागी’ एवं हिमाद्री मिश्र ने पावस गीत सुनाकर सभी को सुरों से भिगोया तो रीना पांडे ने ‘चंचल शोख हसीन अदाएं’ सुनाकर श्रृंगार में काव्य को पिरोया।
रीमा पांडे ने ‘दिखा दे राह ऐ मालिक’ प्रार्थना गीत की प्रस्तुति दी तो अंजनी कुमार राय ने ‘राजनीति’ के नए युग को दर्शाती अपनी कविता पढ़ी। विष्णुप्रिया त्रिवेदी ने सावन पर ‘मधुर मधुर सी यादें’ गीत सुनाकर सबका ह्रदय माधुर्य से भर दिया तो मंजू बैज ने ‘बरसता है हंसी सावन’ सुनाकर अपने सुरों से सभी को भाव विभोर कर दिया। देवेश मिश्रा ने ‘भीनी भीनी भवति जो चली ससुराल’ सुनाकर कन्यादान को महादान बतलाया तो मनोज मिश्र ने गुरु की महिमा का बखान भी सुनाया।
सुभाष चन्द्र शुक्ल और सऊदी अरब से जुड़े गणेश तिवारी ने काव्य में भोजपुरी की झलक दिखलाई तो स्वागता बसु ने ‘फिर गुल कोई मचल गया’ गजल सुनाई। डॉ. अरविन्द कुमार मिश्रा ने श्रावण के आगमन पर भगवान शंकर को स्मरण किया तो रामाकांत सिन्हा ने अपनी प्रेरणादायक रचना ‘नयी राह बनाए हम’ सुनाकर सभी को मंजिल की ओर बढ़ते रहने का सन्देश भी दिया। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में सभी रचनाकारों की सुन्दर प्रस्तुति के लिये भूरि-भूरि प्रशंसा की। अंत में कार्यक्रम संयोजक जिला मंत्री डॉ. अरविन्द कुमार मिश्रा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन कर यह अभूतपूर्व कार्यक्रम सुसम्पन्न किया।