आशा विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। वास्तुकार विमल पटेल द्वारा डिजाइन किया हुआ और टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा बनाया जा रहे नए संसद भवन का कल यानि 28 मई 2023 को उद्घाटन होना तय हुआ है। नया संसद भवन 64500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बना हुआ है। यह त्रिभुजाकार आकार का है और भूकंप रोधी है। नए संसद भवन के तीन मुख्य प्रवेश द्वार हैं – ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों का प्रवेश अलग-अलग द्वार से होगा।
नया संसद भवन इको फ्रेंडली ग्रीन कंस्ट्रक्शन इमारत होगी जिससे लगभग 30% बिजली की बचत होने की संभावना है। दिव्यांगजनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नया संसद भवन व्हीलचेयर फ्रेंडली बनाया गया है। नए संसद भवन का निर्माण अगले 150 वर्षों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
इस संसद भवन में वर्तमान संसद भवन की अपेक्षा डेढ़ गुना से अधिक सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी। वर्तमान लोकसभा चेंबर में 545 सदस्यों की बैठने की व्यवस्था है जबकि नए लोकसभा चेंबर में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसी तरह वर्तमान राज्यसभा चेंबर में 245 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है जबकि जबकि नए राज्यसभा के चेंबर में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी।
संयुक्त सत्र के दौरान 1272 सदस्य तक लोकसभा चेंबर में बैठ सकेंगे। इस संसद भवन में संविधान हाल, समिति कक्ष और तीन भोजन कक्ष होंगे। एक भोजन कक्ष संसद सदस्यों के लिए, एक भोजन कक्ष संसद के कर्मचारियों के लिए तथा एक भोजन कक्ष मीडिया और आगंतुकों के लिए होगा। नए संसद भवन में पार्किंग की बेहतर व्यवस्था होगी। इसमें डिजिटल इंटरफेस और उच्च गुणवत्ता की ऑडियो वीडियो सुविधा भी होगी।
नए संसद परिसर में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होंगे। इस भवन में देश की तमाम कलाकृतियों और परंपराओं को प्रदर्शित किया जाएगा। पुराने संसद भवन के सामने स्थापित महात्मा गांधी की मूर्ति पुराने और नए संसद भवन के बीच सेतु का काम करेगी। नया संसद भवन बड़ा और बेहतर होगा किंतु पुराने संसद भवन की स्मृतियां हमारे मन मस्तिष्क में सदैव बसी रहेंगी।