रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड)। केदारनाथ धाम से बेहद हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। पिछले साल केदारनाथ मंदिर के गर्भ ग्रह में एकदानी दाता के सहयोग से सोने की परत चढ़ी प्लेटे लगवाई गईं थी। जिसको लेकर अब विवाद होने शुरू हो गए हैं। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने सोने की परत जड़ित प्लेटों पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया है कि गर्भ ग्रह में लगाया गया सोना पीतल में बदल रहा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत ही ज्यादा वायरल हो रहा है।
जिसमें चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष एवं केदारनाथ के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी यह आरोप लगा रहे हैं कि गर्भ ग्रह में लगाया गया सोना अब पीतल में बदल रहा है। तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने अधिकारी एवं मंदिर समिति को घेरते हुए यह भी कहा कि मंदिर के गर्भ गृह में सोने की परत लगाने के नाम पर सवा अरब रुपये का घोटाला किया गया।
साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि बीकेटीसी, सरकार और प्रशासन में जो भी लोग इस घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं। उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उनका आरोप यह भी है कि बीकेटीसी ने गर्भ ग्रह में सोने की परत लगाने से पहले उसकी जांच क्यों नहीं करवाई। जब तीर्थ पुरोहित लगातार सोना लगाने का विरोध कर रहे थे तब भी जबरन इस कार्य को किया गया।
संतोष त्रिवेदी ने यहां आरोप भी लगाया है कि गर्भ ग्रह में सोने के नाम पर पीतल के ऊपर सोने का पानी चढ़ा के लगा दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा अगर घटना की जांच करके दोषियों को दंड नहीं दिया गया तो सभी तीर्थ पुरोहित उग्र आंदोलन करेंगे। वहीं दूसरी ओर बीकेटीसी के कार्याधिकारी आरसी तिवारी की ओर से इस बात का खंडन किया गया है।
बीकेटीसी ने खंडन पत्र भी जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ ग्रह और जलेरी की दीवारों को स्वर्णजड़ित कराने का काम पिछले वर्ष एक दानी दाता के द्वारा किया गया था।आरसी तिवारी ने कहा की एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा वायरल की जा रही है जिसमें बताया जा रहा है कि केदारनाथ मंदिर में लगे सोने की कीमत लगभग एक अरब पन्द्रह करोड़ रुपये है।
जो कि बिना तथ्यों के भ्रामक जानकारी प्रसारित कर जनमानस की भावनाएं आहत करने का प्रयास किया गया है। बीकेटीसी ने स्पष्ट रूप से बताया है कि केदारनाथ गर्भगृह में 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया है. जिसकी वर्तमान समय में कीमत लगभग 14.38 करोड़ रुपए है। सोने जड़ित कार्य के लिए जिन कॉपर प्लेट्स का प्रयोग किया गया है उनका कुल वजन 1,001.300 किलोग्राम है, जिसकी कीमत 29 लाख रुपये है। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रमित जानकारी फैलाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।