बागेश्वरधाम सरकार की रामकथा से पूरा नागपुर हुआ राममय

काली दास पाण्डेय। विधायक मोहन मते के मार्गदर्शन में नागपुर शिष्य मंडल द्वारा रेशमबाग परिसर में आयोजित रामकथा कार्यक्रम में लाखों की तादाद में लोग कथा कार्यक्रम में पधारे, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबने कथा का आनंद लिया और पूरा नागपुर राममय हुआ। 5 जनवरी से शुरू सात दिवसीय रामकथा का समापन 11जनवरी को हुआ। बागेश्वरधाम सरकार और सन्यासी बाबा के कृपापात्र श्री धीरेन्द्र कृष्णा महाराज कथा के हर दिन लोगो को राम से जोड़ने की बात कही तो वहीं सनातन धर्म के प्रति सजग रहने की भी सलाह दी।

उन्होंने कहा  ”आये दिन सनातन धर्म पर किसी न किसी रूप में सवाल उठाने का प्रयास किया जा रहा है इसलिए देश के सभी सनातनियों को जागना होगा।” रामकथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बागेश्वरधाम सरकार श्री धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री महाराज ने आगे कहा कि जहां साधु-संत मिलते हैं वहीं कथा आरंभ हो जाती है। जहां रामकथा होती है वहीं अयोध्या बन जाती है। रामकथा मंगल करने वाली कथा है। भगवान राम की कथा लिखना, रामजी का दर्शन करना, रामकथा सुनना मंगलकारी है। हर व्यक्ति का परमार्थ से जुड़ाव होना चाहिए। काम तो 365 दिन रहता है।

सात दिन प्रभु रामचंद्र की कथा श्रवण जरूर करें। ठोकर इंसान को धैर्यनवान, बलवान और ज्ञानवान बनाती है। ठोकर खाओ तो भी मुस्कराओ। विदित हो कि मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा गाँव में बागेश्वरधाम सिद्ध पीठ है। धाम में आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है। बागेश्वर धाम का दिव्य दरबार निशुल्क दरबार है। जहाँ आने वाले समय में फरवरी माह में शिवरात्रि के उपलख में 121 गरीब कन्याओं का विवाह का आयोजन भी रखा गया है।

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