कोलकाता। पश्चिम बंगाल इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर अपनी झांकी में महिला सशक्तिकरण का प्रदर्शन कोलकाता की दुर्गापूजा के साथ करेगा। कोलकाता का दुर्गापूजा उत्सव यूनेस्को की ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची’ में शामिल है। अधिकारियों ने यहां बताया कि यह झांकी स्थानीय कलाओं और संस्कृति को भी प्रदर्शित करेगी। झांकी की तैयारियों से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि राज्य की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए झांकी में टेराकोटा की कलाकृतियां भी शामिल की जाएंगी।
अधिकारी ने बताया, ‘‘झांकी में देवी दुर्गा की पारंपरिक प्रतिमा होगी, जिसके साथ देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान कार्तिकेय तथा गणेश की प्रतिमाएं भी होंगी। देवी दुर्गा महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं।’’ गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर होने वाली पारंपरिक परेड में इस साल कुल 23 झांकियां शामिल होंगी, जिनमें से 17 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से हैं जबकि बाकी अन्य मंत्रालयों और विभागों से हैं। सभी झांकियां देश की जीवंत और विविधता भरी संस्कृति को दिखाएंगी। इनमें से ज्यादातर की थीम ‘नारीशक्ति’ है।
केन्द्र सरकार ने 2022 (पिछले साल) के गणतंत्र दिवस समारोह में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और उनकी इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) पर आधारित झांकी के पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं होने के कारण ठुकरा दिया था। इस इंकार के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था। तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘‘इस बार केन्द्र अनुमति देने से इंकार नहीं कर सकता क्योंकि यह (झांकी) दुर्गा पूजा पर है। हम बहुत खुश हैं।’’