‘वाराही’ द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती की पूर्व संध्या पर हुआ विराट काव्योत्सव

कोलकाता: नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की जयंती के उपलक्ष्य में, कोलकाता महानगर की साहित्यिक संस्था ‘वाराही’ द्वारा एक विराट कवि सम्मलेन एवं काव्य आवृत्ति का आयोजन बड़ा बाज़ार लाइब्रेरी के विष्णुकांत शास्त्री सभागार में किया गया। श्यामा सिंह की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन के मुख्य अतिथियों के रूप में नंदलाल रौशन, हीरालाल जैसवाल, रामनाथ यादव ‘बेखबर’, ज्ञान प्रकाश पांडे एवं रण विजय श्रीवास्तव ने उपस्थित होकर, कार्यक्रम की शोभा और भी बढ़ा दी। संचालन का भार सम्भाला नीता अनामिका एवं स्वागता बसु ने।

कार्यक्रम का शुभारम्भ– रामाकांत सिन्हा द्वारा परम्परागत सरस्वती वन्दना की प्रस्तुति के साथ हुआ। उसके बाद संस्था की अध्यक्षा नीता अनामिका ने स्वागत भाषण देकर एक अभूतपूर्व कार्यक्रम का आग़ाज़ किया, जिसमें विभिन्न रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से सभी का मन मोह लिया। इन रचनाओं में, श्यामा सिंह जी की रचना ‘अभिनय आज आदत नहीं, मजबूरी है’ रामनाथ यादव बेखबर की रचना ‘तितलियाँ समझती हैं’, हीरालाल जैसवाल की रचना ‘हे भारतवासी बचकर रहना’,

नंदलाल रौशन की रचना ‘मेरी आँखों में ठहर कर देख लेते’, ज्ञान प्रकाश पांडे की रचना ‘पेड़ यूँ ही हरा नहीं होता’ एवं रणविजय श्रीवास्तव की रचना ‘चन्दन के पावा का खटिया बनाकर’ – बेहद सराही गयी। इनके अतिरिक्त वाराणसी से आई हुई सुषमा मिश्रा, कोलकता से नीता अनामिका, रामाकांत सिन्हा, स्वागता बसु, आलोक चौधरी, विकास ठाकुर, हिमाद्री मिश्रा, बंदना पाठक, सुषमा राय पटेल, मंजू बेज, उषा जैन, अल्पना सिंह, नंदू बिहारी, प्रदीप कुमार धानुक, अनु नेवटिया, चंद्रभानु गुप्त, रूपम महतो, चन्द्र किशोर चौधरी, राम नारायण झा, मंजू तिलक, डॉ० शिप्रा मिश्रा, धर्मदेव सिंह, कालिका प्रसाद उपाध्याय, श्वेता गुप्ता, कंचन राय, मौसमी प्रसाद, अमित कुमार अम्बष्ट, जतिब हयाल,

संचिता सक्सेना, ओम प्रकाश चौबे, सुरेन्द्र सिंह, आदित्य राज सिंह, निखिता पांडे, काजल शाह, जय प्रकाश बेज, अखिलेश गोस्वामी, सपना सेठ, प्रगति ठाकुर, सपना खरवार, जयश्री झा, शशिकांत गुप्त, आयुष ओझा, कृष कटारुका, ख़ुशी कटारुका, वशिष्ठ रूंगटा, नितीश कुमार, रोहित साव, राज घोष, रेशमी सेन शर्मा, शकीबा अहमद, पल्लवी पाठक, अनुराधा सिंह ’अनु’, आशा उपाध्याय, वैभव चौधरी, पूजा चौधरी आदि ने भी अपनी प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही बटोरी। अंत में, कार्यक्रम के संयोजक रामाकांत सिन्हा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही यह अभूतपूर्व कार्यक्रम सुसंपन्न हुआ।

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