तिरंगा काव्य मंच का 17वाँ मासिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन एवं मुशायरा भव्य अंदाज में सम्पन्न

निप्र, कोलकाता : तिरंगा काव्य मंच का 17 वां कवि सम्मेलन एवं मुशायरा नव साहित्य त्रिवेणी पत्रिका के संपादक डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड एवं बरेली के उस्ताद शायर गुरुदेव विनय सागर जायसवाल की अध्यक्षता में हर्षोल्लास से सम्पन्न हुआ। सम्मेलन की शुरुआत दीपिका दीप रूखमांगद के सुमधुर सरस्वती वंदना से हुई।कार्यक्रम का संचालन सुषमा राय पटेल, रीमा पाण्डेय और कामिनी व्यास रावल ने बेहतरीन अंदाज में कर के कार्यक्रम की कामयाबी में चार चांद लगा दिए।

कार्यक्रम को सफल बनाने में गजलराज जी और अनुरागी जी का अपने-अपने ढ़ंग से महत्वपूर्ण योगदान रहा। कवि सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड ने अपने संबोधन में सभी प्रतिभागियों का वंदन अभिनंदन करते हुए कहा इस बार चित्र आधारित विषय पर सभी कवियों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाशीलता का परिचय दिया। सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा आप सभी निरंतर इसी प्रकार अपने सृजन पथ पर अग्रसर होते रहें और तिरंगा काव्य मंच के ध्वज तले आपका साहित्य निरंतर गतिमान होता रहे।

मुशायरे के अध्यक्ष विनय सागर जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा तिरंगा काव्य मंच बड़े उत्साह के साथ गंगा जमुनी कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन कर रही है। ये निराला जी एवं सभी सदस्यों की नेकनीयती का ही फल है। कमल जी का सहयोग भी सराहनीय है जो ई-पत्रिका के रूप में सजाकर सभी को एक तोहफा देते हैं। सभी को बहुत बहुत बधाई।

कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में भाग लेने वाले रचनाकार दीपिका दीप रूखमांगद, तृप्ता श्रीवास्तव, पुनीता सिंह, सौदामिनी खरे, अंजु छारिया, हीरा लाल जायसवाल, डॉ. निर्मला शर्मा, चंचल हरेंद्र वशिष्ट, प्रेम शर्मा, डॉ. सुभाष चन्द्र शुक्ल, अल्पना सिंह, कमल पुरोहित अपरिचित, गजलराज जी, गजेन्द्र नाहटा, निखिता पांडे, सुदामी यादव, डॉ. सुशील शर्मा, सुषमा राय पटेल, रीमा पांडे, डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड, अलका मित्तल, कृष्ण कुमार दूबे, डॉ. देशबंधु तन्हा,

डी पी लहरे ‘मौज’, राम शिरोमणि उपाध्याय पथिक जौनपुरी, शैलेन्द्र मिश्रा देव, राम पुकार सिंह “पुकार” गाजीपुरी, सारिक खान, शम्भू लाल जालान निराला, कामिनी व्यास रावल, डॉ. भागिया ख़ामोश, यूनुस शेख़, अंजुमन मंसूरी आरज़ू, हीरा लाल यादव, नफ़ीस परवेज़ और विनय सागर जायसवाल सहित सभी ने विषय और मिसरे पर एक से बढ़कर एक काव्य सृजन का बेहतरीन उदाहरण पेश किया। मंच भाव विभोर हो उठा। हर कवि एवं शायर ने अपने उत्कृष्ट रचनाशीलता का परिचय दिया। अंत में संयोजक शम्भू लाल जालान निराला ने सभी साथियों को इस सम्मेलन को सफल एवं कामयाब बनाने में उनके योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया एवं सम्मेलन समाप्ति की घोषणा की।

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