कोलकाता। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट जज ने सीबीआई को खूब खरी खोटी सुनाई है। इतना ही नहीं, हाई कोर्ट के जज ने जांच में सीबीआई के उदासीन रवैए को देखते हुए सीबीआई की प्रधानमंत्री मोदी से शिकायत करने की धमकी भी दे डाली है। हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में हो रही देरी के कारण सीबीआई को सुनाया। जज यहीं नहीं रुके, उन्होंने मामले की जांच कर रहे अधिकारियों की संपत्तियों की जांच के आदेश भी दे डाले।
दरअसल पश्चिम बंगाल में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई के हाथों में है। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय को जांच में हो रही लेट लतीफी रास नहीं, लिहाज़ा उन्होंने सीबीआई को उदासीन रवैए के प्रति जमकर फटकार लगा दी। न्यायमूर्ति ने कहा, “सीबीआई दस महीने से क्या कर रही है? पूरा राज्य उसके जांच की प्रतीक्षा कर रहा है। जिस तरह से सीबीआई ने इस मामले में उदासीन रवैया दिखाया, उसे देखकर तो यही लगता है कि सीबीआई के बनिस्बत इंग्लैंड की एमआई 5 में विश्वास रखना अधिक उचित होगा।”
न्यायमूर्ति ने इसके साथ ही सीबीआई को एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह खुद प्रधानमंत्री से इसकी शिकायत करेंगे। वहीं मामले की जांच कर रहे अधिकारियों की संपत्ति के जांच के भी आदेश दे देंगे। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच की गाज राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पर गिरी थी। इस मामले में ईडी ने चटर्जी को उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के साथ गिरफ्तार किया था।
वे अभी भी हिरासत में ही हैं और उनकी हिरासत 16 फरवरी तक बढ़ा दी गई थी। बीते 31 जनवरी को हाई कोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई की एसआईटी को भी भंग कर दिया था। पिछले साल नवंबर में कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले की जांच कर रहे दल के दो अधिकारियों को हटाते हुए नए जांचकर्ताओं को नियुक्त करने के आदेश भी दिए थे।