शिक्षक भर्ती घोटाला: सीबीआई ने उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के वीसी को किया गिरफ्तार

कोलकाता। सीबीआई ने 2016 में पश्चिम बंगाल में एक सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के कुलपति सुबीर भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, जांच एजेंसी ने उन्हें कोलकाता में सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया और उन्हें “असहयोगी” पाया, जिसके बाद सोमवार को गिरफ्तारी हुई। भट्टाचार्य की गिरफ्तारी इस साल अगस्त में एजेंसी द्वारा उनके आवास और कार्यालय की तलाशी के बाद हुई है। केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, भट्टाचार्य एसएससी के पूर्व अध्यक्ष भी हैं, जिन पर राज्य में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति में अनियमितताओं में शामिल होने का आरोप है।

उन्होंने 2014 से 2018 तक आयोग की अध्यक्षता की। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की थी। साथ ही ईडी ने भर्ती घोटाले के सिलसिले में कोलकाता की एक अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया। इस बीच सीबीआई ने 15 सितंबर को पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली को एसएससी घोटाला मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया।

सीबीआई ने एक बयान में कहा यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने अनुचित लाभ उठाया और दूसरों के साथ साजिश करके अयोग्य और गैर-सूचीबद्ध उम्मीदवारों को पश्चिम बंगाल राज्य के विभिन्न स्कूलों में ग्रुप-सी स्टाफ के पद पर अवैध नियुक्ति की सुविधा प्रदान की। सीबीआई ने इस साल मई में तत्काल मामला दर्ज किया था।

सीबीआई ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले के सिलसिले में दिल्ली और कोलकाता में एक सॉफ्टवेयर कंपनी के परिसरों में छह स्थानों पर तलाशी ली। कोलकाता की एक विशेष अदालत ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की न्यायिक हिरासत 14 सितंबर तक बढ़ा दी थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 18 अगस्त को टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या मंडल को अदालत के समक्ष अपना शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र पेश करने का आदेश दिया था।

वह एक याचिका के संबंध में अदालत के समक्ष पेश हो रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसे टीईटी परीक्षा पास किए बिना एक शिक्षक के रूप में भर्ती किया गया था। इस मामले के आरोपी पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को भर्ती घोटाले के सिलसिले में जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने घोटाले में कथित रूप से अर्पिता मुखर्जी से जुड़े कई परिसरों पर छापेमारी की थी।

जांच एजेंसी ने घोटाले में छापेमारी के सिलसिले में करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी, विदेशी मुद्रा, आभूषण और सोने के बिस्कुट बरामद किए हैं। चटर्जी तृणमूल कांग्रेस सरकार में 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री थे। चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद, उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया और तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया।

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