नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु की 17 वर्षीया छात्रा लावण्या के कथित धर्म परिवर्तन एवं खुदकुशी के मामले में तमिलनाडु सरकार की याचिका खारिज करते हुए सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इस मामले में जांच जारी रखने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक की विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सीबीआई को अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील को कहा कि वह (सरकार) इस मामले को ‘प्रतिष्ठा का विषय न बनाएं’ तथा सीबीआई जांच जारी रखने में अपना सहयोग दें। पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह जांच से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज सीबीआई को मुहैया कराए। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने को उचित करार दिया गया था।
पीठ ने इस संबंध में सरकार को नोटिस जारी करते हुए उसे दो सप्ताह में हलफनामे के जरिये अपना जवाब (यदि कोई हो) दाखिल करने को कहा। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इस बीच सीबीआई जांच जारी रहेगी। तमिलनाडु के तंजावुर में 12वीं कक्षा की छात्रा ने कथित धर्म परिवर्तन के दबाव और बाद में प्रताड़ना के कारण 19 जनवरी 2022 को नशीले पदार्थ का सेवन कर खुदकुशी कर ली थी। मृत्यु पूर्व अपने बयान में उसने कथित रूप से अपने मिशनरी स्कूल पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रताड़ित और दबाव डालने का आरोप लगाया था। पीड़िता के पिता ने उच्च न्यायालय के सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में अपील की आशंका के मद्देनजर उसके खिलाफ ‘कैविएट’ याचिका दायर की थी।