अमिताभ अमित की कलम से – माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती की चर्चा!

अमिताभ अमित, पटना। धूम-धाम से माँ विद्यादायिनी का विसर्जन रविवार को कर आज मुखातिब हूं

अमिताभ अमित की कलम से – कमतर और मेरी उमर के नौजवानों

पटना । कमतर और मेरी उमर के नौजवानों, मैं जानता था! सही सलाह मानोगे नही

व्यंग्य: कुछ याद उन्हें भी कर लो।

श्रद्धासुमन पांच सौ और हज़ार के नोटों को ।। आपने किसी को फांसी की सज़ा

कानून के हाथ (व्यंग्य) : श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला

😃 कानून के हाथ 😃 ब्रेकिंग न्यूज : विश्वस्त सूत्रों के हवाले से पता चला

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बेगुनाही की सज़ा मिलती है ( व्यंग्य-कथा ) : डॉ लोक सेतिया 

काली रात के अंधेरे में सुनसान वीरान जगह उन सभी बड़े बड़े लोगों की दुनिया

काला धन से कोरोना तक ( व्यंग्य-कथा ) : डॉ लोक सेतिया 

बात दो राक्षसों की कहानी की है कहानी की शुरुआत कुछ साल पहले हुई। हर

आत्मनिर्भरता की पढ़ लो पढ़ाई ( हास-परिहास ) : डॉ लोक सेतिया 

शहंशाह का मूड आज बदला बदला है आज खास बैठक में बात आत्मनिर्भर बनाने की

विकास लापता सुरक्षा घायल ( व्यंग्य-कथा ) : डॉ लोक सेतिया

जहां कहीं भी हो देश की व्यवस्था को तुम्हारी तलाश है। खोजने वाले को ईनाम

लाज का घूंघट खोल दो ( व्यंग्य-कथा ) : डॉ लोक सेतिया 

खुद को अपराध न्याय सुरक्षा सामाजिक सरोकार के जानकर सभी कुछ समझने वाले बतलाने वाले

गणिका डाकू और सिपहसलार (व्यंग्य-कथा) : डॉ लोक सेतिया

जाने कितने आशिक़ थे उस के जो उसकी अदाओं पर फ़िदा थे। उसका नाच देखते