सारे तीरथ बार-बार, गंगा सागर एक बार

विनय सिंह बैस, रायबरेली। धार्मिक दृष्टिकोण से ऐसा शायद इसलिए कहा गया होगा क्योंकि शास्त्रों

विनय सिंह बैस की कलम से : भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

नई दिल्ली। स्वर्गीय मनमोहन सिंह के बारे में विचार करने से एक ऐसे व्यक्ति की

विनय सिंह बैस की कलम से…

विनय सिंह बैस, रायबरेली। अब स्मृति शेष हो चुके पापा और अम्मा की इस छवि

पत्नी भी घरेलू हिंसा कर सकती है और ‘मर्द को भी दर्द’ हो सकता है

नई दिल्ली। अपने देश के किसी वायुसेना स्टेशन में मेरे साथ एक युवा लड़का कार्य

महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कठोर कानून का अब हो रहा है ज्यादातर मामलों में दुरुपयोग!

विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। अपवाद को छोड़ दे तो एयरफोर्स में वायु सैनिक के

विनय सिंह बैस की कलम से…

विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। हमारे देश की विविधता के बारे में प्रचलित है –

विनय सिंह बैस की कलम से : संविधान दिवस विशेष

नई दिल्ली। ‘संविधान’ शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों ‘सम’ तथा ‘विधान’ (सम+विधान) से हुई

विनय सिंह बैस की कलम से : अगहन बरसे हून, पूस बरसे दून

अम्मा कहती थी – “कातिक बात कहातिक, अगहन हांड़ी अदहन, पूस काना टूस। माघ तिले-तिल

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विनय सिंह बैस की कलम से : “बैसवारा की कतकी/कार्तिक पूर्णिमा”

करवा हैं करवाली, उनके बरहें दिन दिवाली। उसके तेरहें दिन जेठुआन, और फिर चुटिया-पुटिया बांध

विनय सिंह बैस की कलम से : बैसवारा का जेठुआन!!

विनय सिंह बैस, रायबरेली। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को ‘देवउठनी एकादशी’ या