विनय सिंह बैस की कलम से…
विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। हमारे देश की विविधता के बारे में प्रचलित है –
विनय सिंह बैस की कलम से : खेती 1994 बनाम 2024
छोटा भाई : भैया क्या आपको पता है कि बड़े-बड़े कास्तकार जिनका धान खेत से
वैश्विक छठ महापर्व 5-8 नवंबर 2024- विश्वास श्रद्धा और प्रकृति के प्रति आभार व सूर्य देव और छठ मैया को समर्पित महापर्व
छठ पूजा से स्वास्थ्य व समृद्धि की प्राप्ति होने की पौराणिक मान्यता है पौराणिक मान्यता,
विनय सिंह बैस की कलम से- बचपन वाली दीवाली!!
विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। बचपन की दीपावली का मतलब छोटी दीवाली, बड़ी दिवाली और
शैल उत्सव : मंडलायुक्त ने किया मूर्तिकला का अवलोकन
लखनऊ। पिछले दिनों राजधानी के वास्तुकला एवं योजना संकाय, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय,
शैल उत्सव : 5 राज्यों के 10 कलाकारों की कलाकृतियां बढ़ाएंगी शहर की शोभा
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने शैल उत्सव के समापन अवसर पर की
कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन
बदायूं। हिन्दी काव्य मंच ने स्काउट भवन में गंगा जमुनी कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह
शिल्पकारों के कठिन श्रम और अनूठी कल्पनायें पत्थर पर ले रही हैं…अंतिम रूप
शैल उत्सव : अखिल भारतीय मूर्तिकला शिविर का चौथा दिन लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी
शैल उत्सव : मूर्तिकला प्राचीन कलाओं में से एक है
शिविर के तीसरे दिन भी शिविर में बन रही कलाकृतियों को देखने के लिए नगर
विनय सिंह बैस की कलम से : ‘बरी’ उर्फ ‘उसरहा’ गांव
रायबरेली। रायबरेली जिले के लालगंज बैसवारा कस्बे से छह किलोमीटर दूर स्थित ‘बरी’ गांव को