सुधीर सिंह की कविता : मेरा भारत महान
।।मेरा भारत महान।। सुधीर सिंह तु ही मेरा सपना तु ही मेरी जान हैं प्यार
सुधीर सिंह की कविता
सपने लिए आँखों मे आ गया इक शहर में ढूंढता रहा जिंदगी जी रहा हूँ
सुधीर सिंह की कविता : बुढ़ी औरत
।।बुढ़ी औरत।। सुधीर सिंह अंग प्रत्यंग भंग है मानसिक अपंग है पथ कठिन है मगर
सुधीर सिंह की रचनाएं
लौट आया मेरा बचपन अब इस बुढ़ापे में खेल रहा हूँ बच्चों संग अब इस
सुधीर सिंह की कविता
।।सुधीर सिंह की कविता।। जिसने भी चाहा तुझे सब वो बेकार हो गए। कुछ बन
सुधीर सिंह की कविता
लूट लेता है सब कुछ शहर लौट के कुछ नही आता है अजीबो सा है