सावनवा कुछ बहका-बहका है, संग मनवा भी कुछ बहका-बहका है
श्रीराम पुकार शर्मा हावड़ा। पावसऋतु संबंधित ‘चातुर्मास’ का प्रारंभ आषाढ़ ‘एकादशी देवशयनी’ अर्थात विगत 29
मानो तो मैं गंगा मां हूं…
“देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे। शङ्करमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले॥ भागीरथि सुखदायिनि मातस्तव
दीपावली विशेष…‘असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय।’ – बृहदारण्यक उपनिषद
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा । सनातनियों (हिन्दुओं) को प्रारब्ध से ही विश्वास रहा है कि
जिसकी सम्यक् सृष्टि और कर्म व्यापार है, वह विश्वकर्मा है
“विश्वं कृत्स्नं कर्म व्यापारो वा यस्य सः।” अर्थातः ‘जिसकी सम्यक् सृष्टि और कर्म ही व्यापार
‘यह धन मेरे बहुत से बुजुर्गों को खा गया है, अब मैं इसको खा डालूँगा’ – भारतेन्दु
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा । दान देने और किसी की सहायता करने के पीछे अपने
5 सितंबर शिक्षक दिवस पर विशेष…
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा । “दुर्लभा चित्त विश्रान्तिः विना गुरुकृपां परम् ।। “अर्थात ‘चित्त की
‘हिन्दी मेरी माँ है’ – फादर कामिल बुल्के
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा । भारतीय मिट्टी, जल, वायु, पादप व जीव के साथ ही
जन्मे हैं प्यारे कृष्ण-कन्हैया
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा । भाद्रमास में कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि। रोहिणी नक्षत्र की काली
आजादी का अमृत महोत्सव
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा । ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मूलतः आजाद भारत के विविध क्षेत्रों
गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर विशेष…
सिय राम मय सब जग जानी, करहुं प्रणाम जोरी जुग पानी॥ श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा