पितृ विसर्जन, अमावस्या तिथि का श्राद्ध, सर्वपितृ श्राद्ध एवं श्राद्ध पक्ष समाप्त 02 अक्तूबर बुधवार को
वाराणसी। पितृ पक्ष में पितृ धरती पर परिजनों से मिलने आते हैं। आश्विन माह की
श्राद्ध पक्ष में कब किस समय करना चाहिए पितृ पूजा और तर्पण, कितने ब्राह्मणों को कराएं भोजन?
वाराणसी। इन सोलह दिनों में श्राद्ध कर्म यानी तर्पण, पिंडदान, अन्नदान और अन्य अनुष्ठान करने
प्रथम श्राद्ध करने वाले ध्यान दें?
वाराणसी। यदि आप अपनी संतुष्टि के लिए श्राद्ध कर रहे हैं तो मनमानी से करें
जानें श्राद्ध कब से कब तक है?
वाराणसी। भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा, दिनांक 18 सितम्बर 2024, बुधवार से प्रारंभ होकर आश्विन कृष्ण अमावस्या,
पितृ विसर्जन, अमावस्या तिथि का श्राद्ध, सर्वपितृ श्राद्ध एवं श्राद्ध पक्ष समाप्त 14 अक्तूबर शनिवार को
वाराणसी। पितृ पक्ष में पितृ धरती पर परिजनों से मिलने आते हैं। आश्विन माह की