सरिता अंजनी सरस की कविता पेंडुलम के कंधे पर बैठा समय

पेंडुलम के कंधे पर बैठा समय पेंडुलम के कंधे पर इत्मीनान से बैठा वक्त झूलता

सरिता अंजनी सरस की कविता

मैं किसी अघोषित कविता की घोषित पात्र हूं मेरी उद्घोषणा के लिए ईश्वर ने एक

सरिता अंजनी सरस की कविता प्रेम और तुम

प्रेम और तुम प्रेम के गहरे क्षणों में मैं महसूस करती हूं तुम्हारा वृक्ष होना

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