संत रविदास कृत साहित्य में मानवीय संवेदना और समरसता पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न

समता, सदाचार और सद्भाव के सूत्र संत रविदास जी को अनुपम बनाते हैं – प्रो

संत शिरोमणि रविदास जयंती : “मन चंगा तो कठौती में गंगा”

श्रीराम पुकार शर्मा, कोलकाता। “मन चंगा तो कठौती में गंगा” यह तभी संभव हो सकता

“मन चंगा तो कठौती में गंगा” – सन्त शिरोमणि रविदास जी जयंती पर विशेष…

श्री राम पुकार शर्मा, हावड़ा । “मन चंगा तो कठौती में गंगा” यह तभी संभव