राजीव कुमार झा की कविता : ठहरा हुआ पानी
।।ठहरा हुआ पानी।। राजीव कुमार झा तुम इसी तरह कभी पास आती गुलजार हो जाती
राजीव कुमार झा की कविता : प्यार के दीप
।।प्यार के दीप।। राजीव कुमार झा इश्क के आइने में रात की चुप्पी सुबह रोशनी
राजीव कुमार झा की कविता : नदी की उदासी
।।नदी की उदासी।। राजीव कुमार झा सबकी ख्वाहिशों को लेकर आज मन में धूप भर
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