विनय सिंह बैस की कलम से : राष्ट्रपति भवन स्थित अमृत उद्यान 

विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। रायसीना पहाड़ी पर स्थित राष्ट्रपति भवन (पूर्व नाम वाइसरॉय हाउस)

विनय सिंह बैस की कलम से – अब दारू पीने वाले दिलदार लोगों के दोस्त

नई दिल्ली। दारू बैसवारा में बड़ी बदनाम रही है!! हमारे यहां चाहे किसी व्यक्ति में

विनय सिंह बैस की कलम से- दोस्त दिल्ली से दूर गया है, दिल से नहीं

नई दिल्ली। असम राज्य का तेजपुर कस्बा वैसे तो बड़ा रमणीक स्थान है। अपने देश

विनय सिंह बैस की कलम से : बप्पा बाबा और होली…

नई दिल्ली। मेरे बड़े बाबा स्वर्गीय अभिलाख बहादुर सिंह (बप्पा बाबा) बेहद जिंदादिल इंसान थे।

श्री गोपाल मिश्र की रचना : विद्रोह की पूर्व संध्या

।।विद्रोह की पूर्व संध्या।। जरा देख लो मेरे जां-नशीं, ऐ हिंद के सुल्तान बामुलाहिजा होशियार!

विनय सिंह “बैस” की कलम से- होली

“होली आयी रे कन्हाई, रंग छलके, सुना दे जरा बांसुरी।” नई दिल्ली। कहने को तो

2025 की होली पर रमजान के दूसरे सप्ताह के शुक्रवार का दिन- सौहार्द, भाईचारा, प्रेम, सामाजिक समरस्ता का संकल्प लें

होलिका दहन के साथ हम अपनी नकारात्मकता और बुराइयों का दहन कर भाईचारे को मजबूत

भारत सहित राष्ट्रमंडल के 56 देशों का वार्षिक उत्सव व अंतरराष्ट्रीय अद्भुतता दिवस का एक साथ आगाज 10 मार्च 2025

राष्ट्रमंडल दिवस 2025 की थीम एक साथ हम आगे बढ़ते हैं का जबरदस्त आगाज राष्ट्रमंडल

विनय सिंह बैस की कलम से- फागुन, होली और जवान

नई दिल्ली। फागुन का अर्थ है मस्ती, मदहोशी, मनुहार और होली का अर्थ है अपने

कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद का गैर-जिम्मेदाराना बयान…

विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। खेलों की दुनिया में फिटनेस और चुस्ती को सफलता की