डीपी सिंह की कुण्डलिया
कुण्डलिया हिन्दी में जो हेय था, इंग्लिश देती मान अब रखैल को मिल रहा, लिव-इन
डीपी सिंह की कुण्डलिया
कुण्डलिया एकलव्य ने कलयुगी, साध लिया तूणीर और मीडिया-मुख भरे, विज्ञापन के तीर विज्ञापन के
डीपी सिंह की कुण्डलिया
।।कुण्डलिया।। पानी की फिर कब मिले, पता नहीं इक घूँट पीता कुछ, कुछ “डील” में,