भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव
।।उम्मीदवार से पहले मैं मतदाता दोषी हूं।। किशन सनमुखदास भावनानी फोकट की रेवड़ियां लेता हूं
भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव : अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं
।।अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं।। किशन सनमुखदास भावनानी जांबाजी और जज्बा दिखाकर बहुत दिलेरी
डीपी सिंह की कुण्डलिया
कुण्डलिया 1 जनवरी – कैसा नया साल? मध्य दिसम्बर से शुरू, होय मास “खरमास” रहैं