सुन ज़माने बात दिल की खुद बताना चाहता हूं (ग़ज़ल) : डॉ लोक सेतिया “तनहा”

सुन ज़माने बात दिल की खुद बताना चाहता हूं पौंछकर आंसू सभी , अब मुस्कुराना

डीपी सिंह की कुण्डलिया

कुण्डलिया ————– अपराधी नेता बने, गुण्डे ठेकेदार। नोट उगाही में लगी, पुलिस और सरकार।। पुलिस

प्रमोद तिवारी की कविता : कुरूक्षेत्र मेरी नजर से (चतुर्थ भाग)

कुरूक्षेत्र मेरी नजर सेः चतुर्थ भाग था पांचजंय बज उठा, और रण का घोष हो

अजय तिवारी “शिवदान” की कविता : “खुद की जिंदगी”

“खुद की जिंदगी” सबकी परवाह करते करते, खुद की जिंदगी बेपरवाह हो गई है। सबकी

गिरिधर राय की कुण्डलियाँ

हर हर गंगा बोलिए, लेकर शिवका नाम पलक झपकते कष्टका, होगा काम तमाम होगा काम

जयपुर में डॉ. सुनीता मंडल को सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार से सम्मानित किया गया

जयपुर : महिला दिवस के उपलक्ष पर प्रताप नगर, जयपुर में पश्चिम बंगाल के उत्तर

गोपाल नेवार की कविता : दुनियाँ कहाँ जा रहा है

दुनियाँ कहाँ जा रहा है समाज का माहौल बिगड़ता जा रहा है कैसे समझाएं समझ

पारो शैवलिनी की गज़ल : साथ हरदम रहेगा

साथ हरदम रहेगा शाम ढलती रहेगी, उम्र ढलता रहेगा। प्यार रोशन हमारा तो होता रहेगा।

साहित्यिक संस्था पोथी बस्ता द्वारा Zoom जूम एप पर महिला दिवस कार्यक्रम आयोजित

अनु नेवटिया, कोलकाता : साहित्यिक संस्था पोथी बस्ता द्वारा ZOOM ऐप पर आयोजित कार्यक्रम “मनमर्ज़ियाँ,

अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद के प्रधान कार्यालय कोलकाता में महिला दिवस एवं होली प्रीति सम्मेलन संपन्न

अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद के प्रधान कार्यालय कोलकाता में महिला दिवस एवं होली प्रीति सम्मेलन बड़े