ध्रुवदेव मिश्र पाषाण की कविता – “फर्क”
फर्क ध्रुवदेव मिश्र पाषाण तुम काफी पढ़े लिखे हो। प्रकाशन-तंत्र में गहरी पैठ वाले हो।
अभिज्ञात के कविता संग्रह ‘ज़रा सा नास्टेल्जिया’ का लोकार्पण
कोलकाताः सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन की ओर से आयोजित हिन्दी मेला में भारतीय भाषा परिषद सभागार
ध्रुवदेव मिश्र पाषाण की कविता – “जनता”
।।जनता।। ध्रुवदेव मिश्र पाषाण हर धरती का आकाश आंखों में चहक में हर आकाश का
ध्रुवदेव मिश्र पाषाण की कविता : “स्वागत नव वर्ष”
।।स्वागत नव वर्ष।। सुधी सहृदयों के प्रति नए वर्ष की शुभकामनाएं “स्वागत नए वर्ष का”
स्वंतत्रता का अर्थ अहिंसा, भाईचारा और समानता है
कोलकाता। स्वतंत्रता के 75वीं वर्षगाठ ने यह अवसर दिया है कि हम व्यापक आत्म निरीक्षण
श्रीराम पुकार शर्मा का हास्य-व्यंग नाटक : मुझे नौकरी मिल गई
श्रीराम पुकार शर्मा, कोलकाता : (यह लघु नाटक आज के शिक्षित बेरोजगार युवकों की भयावह
हिंदी मेला समाज को जोड़ने का संदेश देता है तोड़ने का नहीं
कोलकाता। भारत की एक महान सांस्कृतिक विरासत है जो अशोक, बुद्ब, कबीर, चैतन्य महाप्रभु, विद्यासागर,
हिंदी देशभक्ति के साथ भेदभाव-मुक्त मानवता की भावना है : प्रो. दामोदर मिश्र
कोलकाता। चित्र, संगीत और वास्तु कलाओं की तरह साहित्य का उद्देश्य मानव कल्याण है। हिंदी
नालायक : नाटक श्री राम पुकार शर्मा
।।नालायक।। श्रीराम पुकार शर्मा, कोलकाता : यह एक ऐसे लड़के की कहानी है, जो विशेष
साहित्य का भविष्य नौजवानों के जुड़ने से ही सुरक्षित है : डॉ कुसुम खेमानी
कोलकाता। भारतीय भाषा परिषद में आयोजित 27वां हिंदी मेला नौजवानों की इतनी बड़ी उपस्थिति से