हंसी और प्रसन्नता मनुष्य की दुर्लभ पूंजी है

खिलखिलाते चेहरे और प्रसन्नता भरी आंखों की चमक मनीषियों की दुर्लभ पूंजी प्रसन्नता हमारा ऐसा

भावनानी के भाव : मौत का मूल्यांकन

।।मौत का मुल्यांकन।। किशन सनमुख़दास भावनानी मैंने भी सोचा हम तो यूं ही जिंदगी जिए