डॉ. आर.बी. दास की कविता
जब झूठे शोर मचाते हैं, तब सच्चे चुप हो जाते हैं, जब सच्चे चुप हो
बिहार : तारापुर नरसंहार 1932 के गुमनाम क्रांतिकारी तुलसी जुलाहा समेत सभी अनाम बलिदानियों को नमन
संजय कुमार तांती “व्योम” पटना। प्रत्येक वर्ष 15 फरवरी को बिहार के मुंगेर जिले के
पान एसोसिएशन की नई दिल्ली इकाई ने धूमधाम से मनाया 76वां गणतंत्र दिवस समारोह
नई दिल्ली। पान एसोसिएशन ने 76वां गणतंत्र दिवस और सम्मान समारोह दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के
डॉ. आर.बी. दास की कविता
धीरे-धीरे जिंदगी ऐसी होती जा रही है कि… अब किसी भी चीज की दिलचस्पी नहीं
डॉ. आर.बी. दास की कविता
कैसे करे किसी पर भरोसा, यहां लोग पल-पल में रंग बदलते हैं, पीठ पीछे करते
डॉ. आर.बी. दास की कविता
अब कोई उम्मीद, कोई आस नहीं रखते, जिंदगी पर भी, कोई विश्वास नहीं रखते। घटती
डॉ. आर.बी. दास की कविता
आंखों में कई ख्वाब, दिल में कई हसरतें बाकी हैं, मैं कैसे थक जाऊ… अभी
डॉ. आर.बी. दास की कविता : एक हकीकत
।।एक हकीकत।। डॉ. आर.बी. दास रिश्तों के आईने चटक रहे हैं, हम पत्थर बने भटक
डॉ. आर.बी. दास की कविता
।।डॉ. आर.बी. दास की कविता।। हर हंसी, खुशी नही होती, हर गम भी बेवजह नही
बिहार फिल्म एंड टेलीविजन आर्टिस्ट एसोसिएशन से जुड़े 26 कलाकार दिल्ली में 26 जनवरी के ग्रैंड परेड में भाग लेंगे
काली दास पाण्डेय, मुंबई। ‘शहर मसीहा नहीं’, ‘नमस्ते बिहार’ जैसी कई हिंदी फिल्मों में काम