मातृ दिवस पर अशोक वर्मा “हमदर्द” की कविता : मां की हालत ऐसी क्यों है?
मां की हालत ऐसी क्यों है? अशोक वर्मा “हमदर्द” फटेहाल हालत आंचल मैला छोटी सी
अशोक वर्मा “हमदर्द” की कविता : मई दिवस
।।मई दिवस।। अशोक वर्मा “हमदर्द” आज मई दिवस है और मजदूर विवश है क्योंकि उनके
मई दिवस पर विशेष : अशोक वर्मा “हमदर्द” की कविता – बाल मजदूर
।।बाल मजदूर।। आंख मिचता आसुओं से धरती को सींचता लेकर भूख पेट में चल पड़ता
अशोक वर्मा “हमदर्द” की कहानी : आज भी शर्मिंदा हूं
अशोक वर्मा “हमदर्द”, कोलकाता। विजया दशमी का दिन था, इस शुभ अवसर पर पिताजी मिठाई
अशोक वर्मा “हमदर्द” की कहानी : खून का रिश्ता
।।खून का रिश्ता।। अशोक वर्मा “हमदर्द”, कोलकाता। शाम का समय था, जुली और विकास दोनों
अशोक वर्मा “हमदर्द” की कलम से : भारत पुनः स्वर्णिम पथ की ओर
अशोक वर्मा “हमदर्द”, कोलकाता। भारत का परिचय वैदिक काल में स्वर्णिम भारत का रहा है।
अशोक वर्मा “हमदर्द” की कहानी : मां का दर्द
।।मां का दर्द।। अशोक वर्मा “हमदर्द”, कोलकाता। सुबह से हीं यशोदा परेशान थी, क्योंकि उसके
अशोक वर्मा “हमदर्द” की कविता : दलित
।।दलित।। लोग मुझे दलित कहते हैं इसलिए की मैं, क्षुधातुर होकर भटकते हुए जाता हूं
अशोक वर्मा “हमदर्द” की कहानी : लव जिहाद एक धोखा
अशोक वर्मा “हमदर्द” कोलकाता। जब कोई बेटी का बाप अपनें बेटी के कुकृत्य की वजह
अशोक वर्मा “हमदर्द” की कहानी : उड़ान
अशोक वर्मा “हमदर्द”, कोलकाता। Happiness and sorrow comes only through’s own doings. सुख और दुख